धर्म की रक्षा के लिए भगवान को लेना पड़ा अवतार : स्वामी दिव्यानंद

बेगूसराय बखरी : जब जब धरती पर पाप बढ़ता है तब-तब भगवान अवतार लेते हैं तथा भक्तों के कल्याणार्थ व धर्म की रक्षा के लिए असुरों का संहार कर उद्धार करते हैं। उक्त बातें सलौना ठाकुरबाड़ी में आयोजित सात दिवसीय भगवत कथा के पांचवें दिन भक्तों को कृष्ण लीला पर कथावाचन के क्रम अयोध्या के विद्वान स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कही है।

कृष्ण लीला के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण ने मानव जाति को यह संदेश दिया कि भगवान को भाव से पुकारेंगे तो वे आपके बीच में बने रहेंगे। कृष्ण लीला करके भगवान ने बताया कि हम सबके हैं और सब हमारे हैं। बृज में ऐसे कितने लोग थे जिनके पैरों में पादुका नहीं थी, लेकिन कृष्ण ने भी 7 वर्षों तक अपने चरण में पादुका नहीं पहने भगवान ने रास किया, रास करके भगवान ने काम को यह बताया कि काम त्यागी कि पुरुष को मैं अपने सिर पर रखता हूं।

भगवान करुणा के सागर हैं, दिनों के बंधु हैं कृपा के सिंधु हैं। हम सब को भी चाहिए भगवान के बने राधे राधे कृष्णा कृष्णा का जाप करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में भूतपूर्व सैनिक रघुनंदन महतो, कमल देव चौधरी, विक्रम कुमार, प्रेम शर्मा, कुणाल भारती, राजू कुमार, केशव कुमार आदि का महत्वपूर्ण योगदान है ।