भारतीय करोड़पति क्यों छोड़ रहे हैं अपना देश? 2023 में 6000 अमीर लोग छोड़ सकते हैं देश….

भारतीय करोड़पति हर साल विदेश जाकर आराम से बस जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में लगभग 6,000 से अधिक उच्च नेटवर्थ के व्यक्ति विदेश जा सकतते हैं। इसके बाद एक सवाल उठता है कि भारतीयों को अपने देश छोड़कर जाने की क्या वजह है? जो कि चिंताजनक भी है। ऐसे करोड़पति भारतीयों का मुख्य ठिकाना कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बन रहा है। क्या यह इंडिया में बढ़ते कर दरों की वजह से हो रहा है? क्या इन देशों की कर दरें भारत से कम हैं? चलिए जानते हैं इसकी वजह…

इसका मुख्य कारण टैक्स दरें नहीं हैं : कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में सुपर रिच व्यक्तियों के लिए टैक्स की दरें भारत के मुकाबले अधिक होती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में व्यक्तिगत आय की अधिकतम दर 54%, अमेरिका में 51.6% और ऑस्ट्रेलिया में 45% है। हालांकि, भारत में यह केवल 30% है। G20 में से 15 देशों में भारत से अधिक पर्सनल आयकर की दरें हैं। भारत G20 में तीसरा देश है जहां कॉर्पोरेट टैक्स 30% तक होती है। भारत में सरचार्ज टैक्स और सेस दोनों लागू होते हैं। पर्सनल आयकर के मामले में, सरचार्ज टैक्स 25% तक हो सकता है।

ब्रिक्स के 5 देशों में चीन और दक्षिण अफ्रीका में पर्सनल आयकर की दरें भारत की तुलना में अधिक हैं। यहां अधिकतम आयकर दर 45% है, जो भारत से काफी अधिक है। इस के बीच, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन टैक्स चुनौतियों के समाधान के लिए डिजिटलीकरण और वैश्वीकरण के माध्यम से काम कर रहा है।

भारतीय अमीरों का दूसरे देशों में सैटल होने का मुख्य कारण टैक्स दरों में इजाफा नहीं होना नहीं है। लोग बेहतर जीवनशैली, काम की सुविधा और अच्छी जीवन जीने की इच्छा रखते हैं, जिसके लिए वे दूसरे देशों में सेटल होना चाहते हैं। साथ ही, देश के सुपर रिच अधिक धन कमाना चाहते हैं, इसलिए वे दूसरे देशों में बसना पसंद करते हैं।

विश्व भर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय करोड़पति विदेशों में सेटल होने में दूसरे स्थान पर हैं। चीन पहले स्थान पर है, जहां से 13,500 अमीर व्यक्ति अपने देश छोड़ सकते हैं। तीसरे स्थान पर ब्रिटेन है, जहां साल 2023 में 3,200 हाई नेटवर्थ व्यक्ति विदेशों में जा सकते हैं। चौथे स्थान पर रूस है, जहां से 3,000 अमीर व्यक्ति विदेशों में जाने का अनुमान है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, करोड़पतियों का देश छोड़कर जाना बड़ी चिंता की बात नहीं है। इसका कारण है कि 2031 तक करोड़पतियों की संख्या करीब 80% तक बढ़ सकती है। भारत विश्व के तेजी से बढ़ते वेल्थ मार्केट में से एक होगा और देश में वित्तीय सेवाएं, तकनीक और फार्मा सेक्टर से सबसे ज्यादा धनी उभरेंगे।