डेस्क : देश में पेट्रोल डीजल के दाम नीचे नहीं आ रहे हैं ऐसा में लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है और वह इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि आखिर क्या वजह है जो तेल के दाम नीचे नहीं जा रहे हैं। ऐसे में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम ज्यादा है। इसके चलते भारत पर इसका असर पड़ा है। सरकार का इस वक्त कोई भी विचार नहीं है कि वह तेल पर टैक्स को कम करे जिससे आम जनता को राहत मिले।
दिल्ली में पेट्रोल 87 रूपए चल रहा है और डीजल ₹77 है। ऐसे में बात करें पटना की तो ₹90 पेट्रोल है और ₹82 डीजल। साथ ही लखनऊ में ₹86 पेट्रोल और डीजल का दाम ₹78 प्रति लीटर है। बेंगलुरु में ₹90 प्रति लीटर और डीजल ₹82 प्रति लीटर चल रहा है। अगर आप यह जानकारी अपने मोबाइल पर पाना चाहते हैं तो आप SMS के जरिए पा सकते हैं। आपको RSP के साथ अपने शहर का कोड टाइप करना होगा और इसको भेजना होगा 9224992249 पर। अगर आप इंटरनेट पर इन का भाव जानना चाहते हैं तो आईओसी की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। इस वक्त केंद्र सरकार जरा भी टैक्स घटाने के मूड में नजर नहीं आ रही है।
पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकता है जब राज्य की सरकार और केंद्र की सरकार मिलकर टैक्स पर रियायत दें। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी और वैट का बोझ आम आदमी पर बढ़ता जा रहा है, करोना काल के वक्त भी केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को दोगुना किया था। असल दाम के हिसाब से देखा जाए तो ₹20 फालतू लिए जा रहे हैं। ऐसे में अगर आम आदमी की ओर से देखा जाए तो ₹20 बेवजह लिए जा रहे हैं। जिनको काट दिया जाए तो काफी हद तक राहत मिल सकती है साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ गई है। ब्रेंट क्रूड का दाम $53 प्रति बैरल से बढ़कर $60 प्रति बैरल पहुंच गया है और इसके चलते 13 फ़ीसदी दाम बढ़ गए हैं।
कच्चे तेल का दाम 2020 में $20 था लेकिन अब वह $60 प्रति बैरल पहुंच गया है जो मुश्किलें खड़ी कर रहा है। ऐसे में करोना कि टेंशन से काफी ज्यादा लोगों के रोजगार अटके हुए थे और उसके बाद अचानक ही कच्चे तेल की डिमांड में तेजी आ गई। जिसके चलते धीरे-धीरे पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़ गए।