अगर कोई पुलिसकर्मी आपको बेवजह थप्पड़ मार दे तो आप क्या करेंगे? जानें- अपना अधिकार..

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो छत्तीसगढ़ का तेजी से वायरल हो रहा है. यह वायरल वीडियो छत्तीसगढ़ के सूरजपुर का है. जहां के मौजूदा कलेक्टर (DM) रणवीर शर्मा एक व्यक्ति को मारते हुए नजर आ रहे हैं. 22 में को हुई इस घटना में सूरजपुर जिले के पूर्व डीएम रणवीर शर्मा न केवल उसे व्यक्ति को मार रहे हैं बल्कि उसका मोबाइल फोन भी छीन कर तोड़ दिया है.

वायरल वीडियो के बाद सीएम ने की कार्रवाई

वायरल वीडियो में साफ-साफ देखा जा रहा है कि मौजूदा समय में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने भी उसे व्यक्ति को मार रहें है. सच्चाई यह है कि जिस व्यक्ति के साथ मारपीट हुआ है वह व्यक्ति अपने घर से बाहर निकाल कर दवाई लेने के लिए गया हुआ था.

हालांकि उसने डीएम (DM) साहब को पर्चा भी दिखाया लेकिन उन्होंने सुनने की बजाय उसका फोन छीन कर नीचे फेंक दिया. हालांकि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने तुरंत उन्हें पद से हटा दिया है.

क्या किसी अधिकारी का अधिकार की आपको थप्पड़ मारे

हालांकि यह कोई नया मामला नहीं है देश भर में ऐसे कई मामले हैं जहां पर अधिकारियों द्वारा किसी भी व्यक्ति को पीटने का वीडियो वायरल होता रहता है. लेकिन नियम के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का उल्लंघन करता है.

तो पुलिस कर्मी हो या फिर जिले के डीएम (DM) उनका अधिकार नहीं होता है कि, वह किसी को मार सके हां लेकिन वह कानूनी कार्रवाई जरूर कर सकते हैं. वहीं अगर आप सरकार द्वारा लागू किए गए नियम का उल्लंघन करते हैं तब पर भी कोई भी सरकारी अधिकारी आप पर बल का प्रयोग नहीं कर सकता है क्योंकि वह कानून अपराध है.

किन परिस्थितियों में कानून करती है बल का प्रयोग

दरअसल पुलिस अधिकारी के पास अगर आपके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट है या फिर आप किसी सरकारी काम में बाधा डाल रहे हैं तो ऐसी स्थिति में कानूनी तौर पर बल का प्रयोग किया जा सकता है. इसके अलावा अगर कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन जाते हैं या उसमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं तो राज्य सरकार सुरक्षा कर्मियों सहित अन्य अधिकारियों को बल प्रयोग करने की अनुमति देता है.

मारपीट के बाद अफसर के खिलाफ कर सकते हैं कार्रवाई

अगर कोई पुलिसकर्मी या फिर सरकारी अधिकारी आपके साथ अभद्रता पूर्ण बात करता है या दुर्व्यवहार करता है तो आप अपने नजदीकी थाने में उसे अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा, 330, 323, 506, 504 के तहत एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं.

इसके अलावा अगर आपका फिर पुलिस खाने में दर्ज करने के लिए मना कर दिया जाता है तो आप अपने जिले के डीएम को CRPC के सेक्शन 200 के तहत शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. शिकायत के बाद दम आरोपीय अधिकारी के खिलाफ जांच को शुरू करवा सकता है. वहीं अगर आपको शिकायत डीएम यानी जिला कलेक्टर के खिलाफ करवानी है तो आप अपने नजदीकी थाने में जा सकते हैं.

पढ़ा लिखा परीक्षा पास करने के बाद भी यह हाल

लेकिन जब कोई जिला कलेक्टर इस तरह से आम लोगों के साथ व्यवहार करता है तो यह बात समझ में नहीं आती है कि, एक पढ़ा लिखा परीक्षा पास किया हुआ कलेक्टर जब अपनी सोच नहीं बदल सकता है. तो आम जनता किसी भी अधिकारी को लेकर अपनी सोच कैसे बदल सकती है. ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से हम आम जनता तक उनके अधिकार को पहुंचने का काम कर रहे हैं जिसकी मदद से उन्हें न्याय मिल सकता है.