Indian Railway : 1 फरवरी को बजट सत्र 2022 पेश होने वाला है, ऐसे में ट्रेन किराये को लेकर सरकार बड़ी राहत दे सकती है, मालूम हो की कोविड के चलते भारतीय रेल यात्रियों को सहूलियत देने के लिए बजट में रेल किराये में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद है, वैसे सरकार माल भाड़े अथवा यात्री किराये में बढ़ोतरी करने के बजाए रेलवे के खर्चे पूरे करने के लिए बजट में अलग से फंड का प्रावधान कर सकती है।
आपको बता दे है कि कोविड से प्रभावित 2021-22 में भी रेलवे माल ढुलाई से होने वाली आय में 25% की वृद्धि हासिल करने के करीब है, ऐसे माना जा रहा है कि चालू वित्तवर्ष में रेलवे को माल ढुलाई से कुल 1.45 लाख करोड़ की आमदनी होने का अनुमान है, फीट रेल यात्री किराये से भी रेलवे की कमाई 10% बढ़ने का अनुमान है, बरहाल, हो को बजट में किराया बढ़ाने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं होगी।
मालूम हो को दिसंबर 2019 में रेलवे ने अलग से आदेश जारी कर यात्री किराये में 4 पैसे प्रति किमी की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद से किराया स्थिर बना हुआ है, वहीं, 2014 के बाद से सरकार ने बजट के जरिये यात्री अथवा माल ढुलाई किराये में कोई वृद्धि नहीं की है, रेलवे बोर्ड की मानें तो इस साल रेल किराया बढ़ाने के पीछे कोई तर्क नहीं है और हम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाल सकते, हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान अतिरिक्त शुल्क के रूप में यात्रियों पर बोझ जरूर बढ़ा है।
बताते चलें कि इंडियन रेलवे अपने रेल यात्रियों को प्रत्येक साल किराये पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देता है, इसकी भरपाई के लिए उसे मजबूरन मालभाड़े में बढ़ोतरी करनी पड़ती है, यही वजह है कि भारत सबसे ज्यादा रेल माल भाड़ा वसूलने वाले देशों में शामिल है।