सुब्रत रॉय को अंतिम समय में भी नसीब नहीं हुआ पत्नी-बेटे का साथ, परिवार भारत छोड़ इस देश की ले रखी है नागरिकता

सहारा ग्रुप (Sahara Group) के अध्यक्ष सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का आज यानी बुधवार की अहले सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। दरअसल, वह पिछले कई महीनो से बीमार चल रहे थे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सुब्रत रॉय (Subrata Roy) सहारा इंडिया के पैसे न लौटने को लेकर हमेशा सोशल मीडिया पर सुर्खियों में रहते थे। वैसे, उनकी गिनती भारत के एक बड़े बिजनेसमैन के तौर पर होती थी।

पत्नी और बच्चे छोड़ दिया है भारत का नागरिकता

आप में से बहुत से लोगों को मालूम नहीं होगा कि सहारा ग्रुप (Sahara Group) के चेयरमैन सुब्रत रॉय (Subrata Roy) की पत्नी और बेटे ने भारत की नागरिकता को छोड़कर बॉल्कन देश मैसेडोनिया की नागरिकता ले ली थी। उन्होंने यह नागरिकता भारतीय कानून से बचने के लिए ली थी। क्योंकि सहारा के खिलाफ निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर कई मामले चल रहे थे।

बताते चले की मैसेडोनिया देश दक्षिण पूर्वी यूरोप में स्थित एक देश है। यह एक छोटा और नया देश है, जो निवेश के लिए आम लोगो को नागरिकता प्रदान करता है। जानकारी के मुताबिक, कोई भी नागरिक जो मैसेडोनिया की नागरिकता लेना चाहता है, उसे महज 4 लाख यूरो के निवेश करने की घोषणा करनी होती है और 10 स्थानीय लोगों को नौकरी (JOB) देनी होती है। ऐसा करने से उसे इस देश यानि मैसेडोनिया की नागरिकता (citizenship) आसानी से मिल सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुब्रत रॉय सहारा के मैसेडोनिया के साथ काफी अच्छे संबंध थे। वह कई बार मैसेडोनिया के राजकीय अतिथि भी रह चुके थे। उन्होंने मैसेडोनिया में एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की भी पेकशक की थी। उन्होंने वहां एक कसीनो बनाने का भी प्रस्ताव दिया था। मैसेडोनिया पहले युगोस्लाविया का हिस्सा था। बाद में वह 1991 में आजाद हो गया और 1993 में संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बना।