नेपाल PM ने भगवान राम को बताया नेपाली, अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं, जानिए क्या है मामला

डेस्क : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने एक अजीबोगरीब बयान दे दिया है। उन्होंने सोमवार को एक बयान देते हुए कहा है कि भगवान राम नेपाली हैं और भारत में नकली अयोध्या है.इस बेतुका बात का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि केपी ओली की मानसिक स्थिति सही नहीं है उन्होंने ट्वीट कर लिखा है- “ऐसा प्रतीत होता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है, या फिर वह चीन के कहने पर ऐसा बयान दे रहे हैं, पहले उन्होंने भारत की जमीन को अपना बता दिया और अब वह राम, सीता, अयोध्या और रामराज्य को अयोध्या से मिलो दूर नेपाल लेकर चले गये।”

क्या कहा केपी ओली ने अपने बयान में केपी ओली ने अपने बयान में कहा है कि- “असली अयोध्या नेपाल में है ना कि भारत में। भगवान राम नेपाली हैं ना कि भारतीय।” यह बयान देते हुए उन्होंने तर्क दिया है कि अगर भारत की अयोध्या वास्तविक है तो वहां से राजकुमार शादी के लिए जनकपुर कैसे आ सकते हैं। इन्होंने दावा किया कि विज्ञान की उत्पत्ति और विकास नेपाल में हुआ है।

बेतुका बयान देने के पीछे क्या रही वजह हाल ही के महीनों में भारत और नेपाल देश के रिश्तो के बीच काफी दरार आ गई है केपी ओली लगातार भारत विरोधी बयान दे रहे हैं।कुछ समय पहले ही इन्होंने नेपाल में फैले कोरोनावायरस के लिए भारत को जिम्मेदार माना था और कहा था कि उनके देश में भारत से आ रहे लोग कोरोनावायरस लेकर आ रहे हैं, इतना ही नहीं उन्होंने अपने देश का नया नक्शा भी जारी कर दिया था जिसमें भारतीय क्षेत्रों को अपना बताया था। केपी ओली की ओर से आ रहे सभी भारत विरोधी बयान चीन के इशारों पर दिए जा रहे हैं। कुर्सी बचाने की के पीछे चीन का बहुत बड़ा हाथ रहा था और तभी से केपी ओली चीन को खुश करने में लगे रहते हैं।

केपी ओली की कुर्सी पर मंडराने लगा है खतरा केपी ओली चीन देश के इशारों पर नाचने की वजह से इनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडराने लगा है। नेपाल में कई दिनों से केपी ओली के इस्तीफे की मांग उठ रही है कहा यहां तक जा रहा है कि बजट सत्र को स्थगित करने के बाद केपी ओली अब एक अध्याय लाकर पार्टी को तोड़ सकते हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक ओली वहां मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस के संपर्क में हैं जिनसे उन्हें सपोर्ट मिल सके।ओली अध्यादेश लाकर पॉलीटिकल पार्टीज एक्ट में बदलाव कर सकते हैं इससे उन्हें पार्टी को बांटने में आसानी होगी। अगर पार्टी टूट जाती है तो ओली को अपने समर्थन में 138 सांसद दिखाने होंगे लेकिन अध्यादेश के बाद उन्हें सिर्फ 30% सांसद का सपोर्ट दिखाना पड़ेगा और ओली के साथ इस समय 40% सांसद है।