जानिए कैसे हुई NDTV पत्रकार निधि राजदान इंटरनेट फर्जीवाड़े का शिकार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से नहीं मिला था नियुक्ति पत्र

डेस्क : देश की जानी-मानी रिपोर्टर जो एनडीटीवी के साथ पिछले 21 सालों से काम कर रही थी वह इंटरनेट पर जालसाजी का शिकार हो गई है। यह जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से दी है जहां पर वह कहती नजर आ रही है कि वह एक साइबर क्राइम की शिकार हो गई है। आपको बता दें की फिशिंग अटैक एक तरह का इंटरनेट पर होने वाला अपराध है जिसमें इंटरनेट के जरिए हुबहू किसी भी वेबसाइट का पेज तैयार किया जाता है।

उसके बाद उस पेज पर किसी भी इंटरनेट यूजर से यह कहा जाता है कि वह अपनी सारी जानकारी भेज दें जैसे ही वह सारी जानकारी इस वेबसाइट पर डाल कर भेजता है उसके बाद उसका सारा डाटा हैकर के पास पहुंच जाता है। बता दें कि जो पीड़ित है वह पत्रकार है उनका नाम निधि राजदान है जो पिछले 21 सालों से पत्रकारिता कर रही थी लेकिन जून 2020 यानी कि लॉकडाउन के वक्त उनको हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से झूठा ऑफर आता है कि वह असिस्टेंट प्रोफेसर (जर्नलिज्म) की नौकरी चुनना चाहेंगी।

इस बात पर उन्होंने बिना जांचे हामी भर दी। उसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनको कहा गया कि आपकी ट्रेनिंग होगी और उनकी ट्रेनिंग दिसंबर तक चलती रही इस बीच उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर साफ लिखा कि वह अभी हार्वर्ड में पढ़ा रही है यह घटनाक्रम सितंबर और अक्टूबर के बीच हुआ था। लेकिन जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह नए साल की शुरुआत में निधि राजदान को बुलाएंगे तो निधि राजदान को शक हुआ इसलिए उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से सीधा संपर्क साधने की कोशिश की जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनकी बात हुई तो हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी ने साफ किया कि ऐसा तो कोई भी ऑफर उन्होंने नहीं दिया है।

जिन विषयों की इसमें बात की गई है वह यूनिवर्सिटी नहीं पढ़ाती है। इस जानकारी से निधि राजदान को यह साफ हो गया कि वह जालसाजी का शिकार हुई है ऐसे में उन्होंने ट्विटर पर सबको सावधान रहने की हिदायत दी है साथ ही सितंबर में किया गया ट्वीट निधि राजदान का जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने अपने यूजर्स को कमेंट करके कहा कि वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ा रही हैं। इसकी शिकायत निधि राजदान ने पुलिस में दर्ज करवा दी है और सभी दस्तावेज भी जमा करवा दिए हैं