ये है भारत का मिनी स्विट्जरलैंड, रोम-रोम में बस जाएगी खूबसूरती, लौटने का मन नहीं करेगा!

Mini Switzerland: भारत की खूबसूरती भी दूसरे देश के लोगों को भारत की ओर खींच कर लाती है. भारत में एक नहीं बल्कि कई छोटे-छोटे स्वीटजरलैंड बसे हुए हैं. अगर आप दार्जिलिंग को देखें तो कुछ ऐसी जगह है. लेकिन इंडिया में एक ऐसी जगह है.

जिसे लोग स्विट्ज़रलैंड के नाम से जानते हैं, लेकिन मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से खासकर पुकारते हैं. दरअसल, हम कहीं और कि नहीं बल्कि औली की बर्फबारी की बात कर रहे हैं यह भी किसी स्विट्जरलैंड से कम नहीं है.

कमाल की बात ये है कि, जब यहां पर बर्फबारी नहीं होती है. लोग खुद अपने हाथों से बर्फ का पहाड़ खड़ा कर देते हैं. भारत का यह मिनी स्विट्जरलैंड औली हर समय देखने में काफी खूबसूरत लगता है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. अगर आप भी यहां घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप इस मिनी स्विट्ज़रलैंड का आनंद कैसे उठा सकते हैं?

स्लीपिंग ब्यूटी भी यहां पर

औली के ठीक सामने एक बड़ा पहाड़ है. जो बर्फ से ढका रहता है. कमाल की बात ये है कि ऐसा लगता है युवती लेती हुई है. इसे देखकर लोग स्लीपिंग ब्यूटी के नाम से इसे बुलाते हैं. यही वजह है कि इस जगह का नाम स्लीपिंग ब्यूटी रख दिया गया है और यहां पर डॉन प्राकृतिक बंजारों का लोग लुफ्त उठाते रहते हैं.

दूसरा सबसे लंबा रोपवे भी

कई महीने पहले जोशीमठ सुर्खियों में बना हुआ था. लेकिन जोशीमठ से औली को जोड़ने वाली 4.15 किलोमीटर लंबे रोपवे को एशिया का दूसरा सबसे लंबा रुपए माना जाता है. कमाल की बात है. यह रोपवे टावर की ऊंचाई से होते हुए समुद्र तल से लगभग 10000 फीट ऊंचाई पर ले जाकर औली की ओर पहुंचना है. जिसकी कुल लंबाई 22 किलोमीटर है.

स्कीइंग रेस का उठाएं लुफ्त

अगर आप स्कीइंग रेस के शौकीन है तो यह जगह आपके लिए बेहद खास होने वाली है. क्यों यहां 1300 मीटर लंबा ट्रक बनाया गया है आप इस बर्फबारी में ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं. कितना ही नहीं अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन है तो मन पर्वत, नंदा देवी, जोशीमठ, कामेत और दूनागिरी की चोटियों पर जा सकते हैं.

बर्फबारी न होने पर लोग खुद बना देते हैं पहाड़

दुनिया का सबसे ऊंचा आर्टिफिशियल झील औली में ही मौजूद है. साल 2010 में इस 25000 किलोमीटर की क्षमता वाले झील को तैयार किया गया था. यह उसे समय तैयार किया गया था जब होली में बर्फबारी नहीं हो रही थी. तो लोगों ने इससे पानी से आर्टिफिशियल बर्फ बनाया कर इस झील को तैयार किया पर बनाने के लिए फ्रांस किया की आर्टिफिशियल मशीन को भी बुलाया गया था.