वाराणसी के प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाकर विवादों में फंसे भारतीय बल्लेबाज शिखर धवन, प्रशासन करेगा कार्यवाही

डेस्क : भारत में बर्ड फ्लू किसी महामारी से कम नहीं है आपको बता दें कि अनेकों पक्षियों की जान इस वक्त जा चुकी है और न जाने कितनी ही जनजाति पक्षियों की इस वक्त विलुप्त हो चुकी है। इसकी सिर्फ एक ही वजह है की जब मौसम सर्दी का होता है तो एशिया से बाहर देश के पक्षी उड़ कर भारत में आते हैं ताकि वह अपनी प्रजाति को बचा सके। ऐसे में विलुप्त होती प्रजाति के लिए सरकार भी कड़े नियम अपनाती है क्योंकि मात्र इंसान से ही नहीं बल्कि इस धरती पर हर एक जीव की मदद से पर्यावरण की स्थिति बराबर बनी रहेगी।

जब बर्ड फ़्लू फैलने लगा और इस पर रोक लगाना मुश्किल हो गया तो सरकार की ओर से फैसला लिया गया कि जितने भी पक्षी हैं उनका खास ख्याल रखा जाए और किसी भी प्रकार का दाना पानी नहीं दिया जाए। जिससे कि वह स्वयं ही अपना खाना ढूंढ कर अपने हिसाब से खा सके और रह सके। इसके चलते 11 जनवरी को गंगा नदी में जितने भी प्रवासी पक्षी आते हैं उनको दाना खिलाने के ऊपर रोक लगा रखी है। लेकिन, भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज शिखर धवन छुट्टी मनाने के लिए वाराणसी पहुंचे थे। जहां, पर वह नाव की सवारी कर रहे थे। जब वे नाव की सवारी कर रहे थे तो उड़ते हुए प्रवासी पक्षी भी उनके आसपास घूम रहे थे।

प्रवासी पक्षियों के लिए उन्होंने पैकेट में दाना रखा था वह दाने को अपने हाथों पर रख रहे थे क्यूंकि प्रवासी पक्षी उड़ कर दाना चुग रहे थे। इसी बीच शिखर धवन ने कुछ तस्वीरें भी खिंचवाई और उनको सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। पोस्ट वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट तक पहुंचा तो डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिस नाँव में वह सफर कर रहे थे उस नाव के नाविक को पकड़ा जाए और पूछताछ की जाए। वह बखूबी जानते हैं कि यात्रियों को इस बारे में जानकारी नहीं होती, लेकिन नाव चलाने वालों को जानकारी होती है। आखिर नाव चलाने वाले ने क्यों शिखर धवन को यह कार्य करने दिया ?इस पर जांच के निर्देश दिए गए हैं।

ऐसे में डीएम साहब ने सभी दुकानदारों मुर्गा मीट मांस बेचने वालों से कहा है कि अगर किसी भी पक्षी की सामूहिक मृत्यु की जाती है तो उसकी जानकारी वह चिकित्सक अधिकारियों को तत्काल दे। ऐसे में शिखर धवन बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए गए हुए थे। जहां पर वह भक्ति के रंग में डूब गए और जमकर विश्वनाथ के दर्शन किए। शादी में प्रसिद्ध आरती में भी शामिल हुए और वह चाहते थे कि उनके आसपास भीड़ जमा ना हो इस वजह से उन्होंने मास्क का प्रयोग भी किया। हालांकि, कुछ लोगों ने उनको पहचान लिया और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई।