कारगिल युद्ध में पाक को धूल चटाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी बने उत्तरी कमान प्रमुख

भारतीय थल सेना के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी का पद जीओसी-इन-सी का हो गया है। 12 जून 1982 को 13जेएके आरआईएफ कमीशन में नियुक्ति के बाद उन्होंने इसी यूनिट की आगे चलकर कमान संभाल ली थी। वाईके जोशी ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से अपनी ट्रेनिंग सम्पूर्ण करी है, और साथ ही रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से स्नातकोत्तर भी है।

आपको बता दें की इन्होने ही ऑपरेशन विजय और पराक्रम में 13 जेएके आरआईएफ की कमान संभाली थी, और कारगिल युद्ध में भी नाम कमाया था साथ हे अपनी टुकड़ी को भी गर्व से सम्मानित करा था। ऑपरेशन यूनिट में उनको 37 वीरता पुरस्कार प्राप्त है। जिसमे से दो परमवीर चक्र, आठ वीर चक्र और चौदह सेना के मेडल भी शामिल है।

यूनिट को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने भी जमकर तारीफ करी है और ‘ब्रेवेस्ट ऑफ ब्रेव’ के पुरस्कार से भी सम्मानित करा है। उनको ऊपर बताये गए ऑपरेशन में वीर चक्र भी हासिल हुआ है। उन्होंने इन्फैंट्री ब्रिगेड, करहु में इन्फैंट्री डिवीजन और लेह में बहुत हे बेहतरीन प्रदर्शन कर कमान संभाली थी। अलग तरह के सारे एक्सपोज़र इनमे मौजूद है जैसे इन्फैंट्री स्कूल, महू में इंस्ट्रक्टर साथ हे उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अंगोला में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में भी काम किया है।