ट्रैफिक नियमों के बारे में कितना जानते हैं आप, पुलिसकर्मी को गाड़ी की चाबी को छूने का नहीं है अधिकार

न्यूज डेस्क : देश भर में सरकार के द्वारा लागू किया गया यातायात के नियम बहुत ही कठोर हैं। जिससे नियम और कायदे के होने से लोग पर सड़क सम्भल कर वाहन चलाएं। आम तौर पर जब कहीं भी पुलिस आपके गाड़ी की कागजात चेकिंग करती है।

तो क्या क्या सहूलियत और परेशानी महसूस करना पड़ता है। ये बात हर लोगों को मालूम ही होगी। उपर से कोरोनाकाल में अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब कानून के मानने वाले लोगों को भी पुलिसिया फजीहत का यदा कदा सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में इन सभी चीजों के बीच वाहन जांच के क्या नियम और प्रावधान हैं। यह भी सभी लोगों के लिए जानना महत्वपूर्ण है। सामान्य नियमों की जानकारी होने से कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है।

यातायात के नियम बनाये गए कठोरतम ताकि दुर्घटनाओं में हो कमी बताते चलें कि केंद्र सरकार ने 1 सितंबर 2019 से नए यातायात नियमों को मोटर वेहिकल एक्ट के अंतर्गत लागू कर किया है। मोटर वेहिकल एक्ट 1988-89 के बाद 2017 में संसोधन हेतु लोकसभा में लाया गया जिसकी वजह थी यातायात नियमों को कठोरतम बना दिया जाय ताकि सड़क दुर्घटना की दर को कम किया जा सके। नए यातायात नियमों में जुर्माने की दर को और बढ़ा दिया गया है। तथा सरकार ने ऐसा भी कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए प्रति वर्ष ज़ुर्माने की दर में 10% तक का इज़ाफ़ा भी किया जा सकता है।

नियम नहीं जानने से होती है परेशानी सामान्तया यातायात नियमों से अवगत न होने की वजह से चालकों को अक्सर के तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए नियमों की समझ होना ज़रूरी है। नए ज़ुर्माने नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस गाड़ी चलाता है तो उस पर धारा 181 मोटर वेहिकल एक्ट के तहत 5000 ₹ का जुर्माना किया जा सकता है। हेलमेट न होने पर या सीट बेल्ट न होने पर धारा 194 (D) तथा 194 (B) के तहत 1000 रुपये का जुर्माना तथा तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस रोकी जा सकती है।

कौन पुलिस कर्मी काट सकते हैं चालान अक्सर सड़को पर किसी भी श्रेणी के पुलिस कर्मी भी चालान काटते दिख जाते हैं। जबकि सिर्फ सब इंस्पेक्टर या इनके वरीय पदाधिकारी के द्वारा ही चालान काटे जा सकते हैं। चेकिंग के दौरान किसी भी चालक की गाड़ी को इशारा करके सिर्फ रोकने का प्रावधान है। न कि गाड़ी से ज़बरदस्ती चाभी निकालने का या अपशब्द कहने का न ही थप्पड़ मारने का। अगर किसी चालक के साथ ऐसा किया जाता है तो वो वरीय पदाधिकारी से शिकायत करने का पूरा हक़ रखता है।