किसान अब बेचेंगे 200 रुपये किलो प्याज- आम आदमी की चिंता बढ़ी

डेस्क : पांच साल पहले किसानों को प्याज का 10 रुपये किलो से कम rate मिलता था और आज भी यही रेट मिल रहा है. फसल उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है। अब इतना भाव नहीं मिल रहा है कि लागत निकल पाए. अगर महाराष्ट्र में उत्पादन कम हुआ तो देश में प्याज इंपोर्ट करना पड़ेगा, और यह 200 रुपये तक पहुंच सकता है.

दुनिया के 5 सबसे बड़े प्याज उत्पादक देश, दूसरा नाम जानकर यकीन नहीं करोगे
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महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. यहां देश का करीब 40% प्याज होता है. महाराष्ट्र में न्यूनतम दाम 601 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि अधिकतम 1408 रुपये प्रति क्विंटल रहा. इसी तरह निफाड में प्याज़ का न्यूनतम दाम 450 रुपये रहा. पिंपलगांव में दूसरी मंडियों के मुकाबले प्याज का भाव ज्यादा होता है. क्योंकि इधर प्याज की क्वालिटी काफी अलग होती है. सायखेडा मंडी में प्याज़ का न्यूनतम दाम 500 रुपये और अधिकतम दाम 1301 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अगर हम औसतन रेट की बात करे प्याज़ का औसतन रेट 1100 रुपये प्रति क्विंटल रहा.

जब किसानों को सही दाम मिलता तब सरकार उसे कम करने की कोशिश शुरू करती है, लेकिन अब जब रेट सिर्फ 50 पैसे, 75 पैसे, 1 रुपये और 2-3 रुपये प्रति किलो का रेट मिल रहा है तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान प्याज की खेती (Onion Farming) करना छोड़ देंगे, ऐसे में प्याज का उत्पादन कम हो जाएगा. फिर तिलहनी फसलों के जैसे ही प्याज को भी इंपोर्ट करना पड़ेगा. तब इसकी कीमत मे और इजाफा हो जाएगा।ऐसे में सरकार प्याज की खेती की लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर इसका न्यूनतम मूल्य तय करे दे।