सत्ता की लालच में सलीम ने पिता अकबर को दिलवाया था ज़हर? सामने आया काला चिट्ठा…..

सत्ता के लालच में जहर देना कोई नई बात नहीं है। इतिहास में ये बहुत पहले से होते आया है लेकिन मुगल काल में ये इतिहास कई बार दोहराया गया है। ऐसा कहा जाता है कि सलीम ने अपने पिता को ज़हर दिलवा दिया था, इसमें कितनी सच्चाई है आईए जानते हैं? 

सलीम का जन्म 15 अगस्त 1569 को हुआ था और सलीम अकबर का सबसे बड़ा बेटा था। अकबर सलीम से बेहद प्यार करते थे लेकिन दिन ब दिन अकबर का बर्ताव बदलता गया, जिससे उन दोनों के बीच दूरी आ गई थी। कहा तो ये भी जाता है कि सलीम अपने पिता अकबर से जलता था और किसी भी तरह सत्ता पाना चाहता था। 

सलीम अपने पिता का विरोधी था

अकबर जब दक्षिण की तरफ अपनी सीमाओं को मजबूत करने के लिए गए, तो उन्होंने सलीम को उत्तर की सीमाएं संभालने का जिम्मा दिया और मेवाड़ पर आक्रमण के लिए भी कहा था।  लेकिन सलीम अपने पिता का विरोधी था, उसने अपने पिता के खिलाफ ही विद्रोह कर दिया लेकिन अकबर ने अपने बच्चे की भूल समझ इस बात के लिए उसे माफ कर दिया था। 

अकबर को ज़हर देने की वजह

जब अकबर सलीम के बार-बार किये जाने वाले विद्रोह से तंग आ गए, तो उन्होंने 1591 के लगभग अपने दूसरे बेटे शहजाद खुसरो को अपना उत्तराधिकारी बनाने का फैसला किया। 

सलीम ये सुनकर परेशान हो गया और सत्ता पाने की उसकी भूख और बढ़ गई। ये वही समय था जब अकबर बीमार पड़ गया, तब सलीम ने शाही हकीम से अकबर को जहर दिलवाने की कोशिश की। 

सलीम इसके बाद 22 साल की उम्र तक बादशाह रहा, लेकिन शराब पीने की उसकी लत की वजह से उसकी 22 वर्ष में ही मौत हो गई। 

जिसने संभाला शासन?

1605 में अकबर की मौत गंभीर बीमारी की वजह से हो गई थी। 1605 में ही जहांगीर को मुगल सल्तनत का बादशाह बनाया गया था।