देवघर में जिस जगह हुआ रोपवे हादसा वहीँ लैंड होता था रावण का पुष्पक विमान

डेस्क : झारखंड में एक भयावह हादसे की वजह से पूरा देश दहल गया है, बता दें कि झारखंड में सिर्फ एक ही रोपवे साइट मौजूद थी और उस रोपवे साइट पर एक ऐसी दुर्घटना हो गई जो आज तक कभी किसी ने सोचा नहीं होगी, बता दे कि अब तक रेस्क्यू साइट पर तीन जिंदगियां जा चुकी हैं। NDRF की टीम के साथ-साथ भारतीय सेना की टीम लगातार कोशिश कर रही है कि वह किसी भी तरीके से वहां पर फंसे लोगों को निकालने का प्रयास करे।

फिलहाल तो 34 लोगों को मौत के मुंह से निकाल लिया गया है। हादसा अपने आप में इतना गंभीर है कि अभी भी वहां पर 13 लोग फंसे हुए हैं, बता दें कि सोमवार की रात को यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ था और यह ऑपरेशन अभी तक लगातार चल रहा है। लोगों को ड्रोन की मदद से खाने पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है। जिसने भी इस घटना के बारे में जाना उसकी सांसे अटक गई। बता दें कि रेस्क्यू के दौरान एक व्यक्ति की सेफ्टी बेल्ट टूटने के कारण मृत्यु हो गई। मृत व्यक्ति की उम्र 48 वर्ष थी। बता दे कि झारखंड में बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर देवघर शहर में मौजूद है। इतना ही नहीं यहां से 13 किलोमीटर दूर देवघर दुमका रोड पर त्रिकूट पर्वत मौजूद है।

एक तरफ देखा जाए तो पर्वत पर बाबा बैद्यनाथ बसते हैं और दूसरी ओर नागनाथ बाबा बासुकीनाथ का मंदिर मौजूद है। इस पर्वत पर तीन चोटी हैं जिनको ब्रह्मा विष्णु महेश के मुकुट के तौर पर माना जाता है। वहीं छोटी पहाड़ियां जिनको गणेश और कार्तिक कहा जाता है। इन जगहों को त्रिकूट पर्वत के नाम से प्रचलित है। ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग में जब जटायु और लंकापति रावण की भिड़ंत हुई थी तब वह जगह यही थी। इतना ही नहीं इसी रास्ते से रावण अपना पुष्पक विमान लाता था और इन्हीं जंगलों में तपस्या किया करता था। साथ ही साथ वह अपने पुष्पक विमान को इसी जंगल में रखता था। बता दें कि यहां पर काफी सारे ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने अपनी आध्यात्मिक दृष्टि से पूरी जगत को राशन किया है। यहां पर मौजूद त्रिकुटा चल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद का आश्रम भी मौजूद है।

बता दें कि लोग यात्रा करने के दौरान दो चोटियों पर ही पहुंच पाते हैं। तीसरी चोटी पर बहुत ज्यादा ढलान है, जिसके चलते यहां पर पहुंचना संभव नहीं हो पाता। 24 फीट की सबसे ऊंची चोटी पर जाने के लिए रोपवे बनाया गया है और यहीं हादसा हुआ है।