पिता के साथ जूते चप्पल बेचकर बना शुभम गुप्ता ऐसे बने IAS ऑफिसर, आज परिवार का बढ़ाया मान

डेस्क : आजकल ज्यादातर लोग आईएएस ऑफिसर बनना चाहते हैं, लेकिन इतना आसान नहीं। इसके लिए यूपीएससी परीक्षा पास करनी होती है। परीक्षा देश के सबसे कठिन परीक्षा है, लेकिन इसे पास करना नामुमकिन भी नहीं है। इंसान अगर कुछ करने की ठान लें तो कुछ भी मुश्किल नहीं।

पूरी मेहनत और बुलंद हौसले के दम पर इन्सान अपना मंजिल को पा ही लेता है।लोग बड़े-बड़े सपने देखते हैं लेकिन हर किसी का सपना पूरा हो जाएगा संभव नहीं। अधिकतर लोग गरीबी को अपना बाधा मान लेते हैं। आईएएस शुभम गुप्ता ऐसे लोगों के लिए एक मिसाल है। राजस्थान के रहने वाले शुभम गुप्ता का जन्म 11 अगस्त 1993 को सीकर जिले के भुडोली गांव में हुआ।

उनके पिता का नाम अनिल गुप्ता है जिन्होंने अपने बच्चों की परवरिश बेहद साधारण तरीके से की। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वे ठेकेदारी का काम करते था, जिससे उनके घर का खर्चा चलता था। लेकिन फिर उनके काम को किसी की बूरी नज़र लग गई।घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी शुभम और पूरे मन से अपने पढ़ाई की। बूरी से बूरी परिस्थिति में उन्होंने हार नहीं मानी। काम के साथ ही उन्होंने अपनी पढाई जारी रखी। साल 2012-15 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और फिर एमए करने के बाद ख़ुद को उन्होंने यूपीएससी की तैयारी में लगा दिया।

दो बार यूपीएससी की परीक्षा में असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। अपनी मंज़िल को पाने उन्होंने की ठान ली थी।शुभम गुप्ता ने तीसरे बाद में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और ऑल इंडिया रैंक 366 आया। ललेकिन इससे उन्हें आईएएस सेवा नहीं मिली और एक बार फिर से उन्होंने ट्राई किया। चौथे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 6 हासिल किया और फ़िर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। यूपीएससी परीक्षा पास कर उन्होंने पूरे परिवार को गौरांवित किया और अभी वह महाराष्ट्र कैडर के आईएएस हैं।