Ayodhya Bus Stand : अयोध्या में 9 एकड़ में 400 करोड़ की लागत से बनेगा अंतरराज्यीय बस अड्डा

Ayodhya Bus Stand : राम मंदिर के भव्य निर्माण के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सरकार चाहती है कि आवागमन के सुगम साधन भी लोगों के लिए सुलभ रहें। जिसके लिए एक तरफ हवाई अड्डे के साथ-साथ भव्य रूप में रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ आम जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश कैबिनेट में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप करीब 400 करोड़ की लागत से बनने वाले बस स्टेशन के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है।

इस बस अड्डे के साथ-साथ अयोध्या सुल्तानपुर मार्ग पर चार लाइन के फ्लाईओवर के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अयोध्या बाईपास पर निर्मित अयोध्या धाम बस स्टेशन के पीछे 9 एकड़ भूमि पर अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जाएगा।

पीपीपी मॉडल से निर्मित एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त इस स्टेशन पर अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके लिए तीसरी बार टेंडर आमंत्रित किए जाने की योजना बनाई गई है। यात्रियों को सुगम यातायात उपलब्ध कराने के लिए रेल और बस जैसी सुविधाओं को भी हाईटेक किया जा रहा है। इसी के तहत अयोध्या बाईपास पर अयोध्या धाम बस स्टेशन का निर्माण कराया जा चुका है।

अब इसके पीछे करीब 9 एकड़ भूमि पर अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाने की योजना पर कार्य हो रहा है। पीपीपी मॉडल से निर्मित इस स्टेशन पर सिनेमाघर, शॉपिंग कॉन्प्लेक्स, होटल, बैंक, एटीएम, बिजनेस सेंटर, आधुनिक टॉयलेट, मेडिकल स्टोर, पोस्ट ऑफिस, पुलिस व पर्यटक बूथ जैसी सुविधाएं होंगी। इसके अलावा यहां पर इलेक्ट्रिक बसों के खड़े होने की सुविधा भी होगी। जिनके लिए बकायदा चाजिर्ंग प्वाइंट भी बनाए जाएंगे।

अयोध्या-गोरखपुर राज्यमार्ग के सिर्फ एक लाइन से जुड़े होने के कारण वर्तमान में अयोध्या धाम बस स्टेशन निष्क्रिय पड़ा हुआ है। अब नए अयोध्या टाउनशिप के निर्माण होने पर एनएचआई यहां पर अंडरपास फ्लाईओवर जैसी सुविधाएं विकसित करेगा। इसके बाद बस स्टेशन पर राजमार्ग दोनों लेन से जुड़ जाएगा।

इसके अलावा अयोध्या सरयू तक से अंबेडकरनगर को जोड़ने के लिए एक सड़क भी प्रस्तावित की गई है जो इस बस स्टेशन के ठीक पीछे से जाएगी। इससे इस बस स्टेशन की कनेक्टिविटी और बढ़ जाएगी। इन सभी परियोजनाओं को लगभग 2 वर्ष में पूरा करने की योजना बनाई गई है। हाईवे पर स्थित होने के कारण बस स्टेशन से शहर आने जाने के लिए कोई यातायात साधन उपलब्ध नहीं है।

इसीलिए फिलहाल यहां पर आवागमन काफी कम है। हाईवे पर ई रिक्शा टेंपो और लोकल यातायात के साधनों का चलना मना है, इसीलिए अभी यहां तक पहुंचने में यात्रियों को काफी दिक्कतें होती हैं। इसके लिए यहां का लोकल प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है कि यहां से अब जल्द ही सिटी बस अयोध्या बस स्टेशन तक चलाई जाए, साथ ही रिक्शा टेंपो व अन्य सवारी वाहनों के आने-जाने के लिए सर्विस रोड का निर्माण भी कराया जाएगा जिससे बस अड्डे पर यात्रियों के आवागमन का मार्ग खुल जाएगा।

अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने आईएएनएस से बताया कि जब से सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया है तब से लोगों की धारणा अयोध्या को लेकर काफी बदल गई है।

केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार के मन में भी अयोध्या को लेकर एक अलग ²ष्टि है और वह योजनाओं में नजर आती है। राम मंदिर बनना अयोध्या का एक चरण है लेकिन अयोध्या पूरे विश्व में संस्कृति और धर्म की सबसे बड़ी धरोहर बनके सामने आए, ये लक्ष्य है। अयोध्या की पहचान आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर हो, ऐसा लक्ष्य केंद्र, राज्य और लोगों का भी है।

कनेक्टिविटी को लेकर चाहे हवाई मार्ग हो, रेल यातायात हो या फिर सड़क यातायात सभी को लेकर बड़े कार्य किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट का निर्माण लगभग पूरा होने को है। जून या जुलाई में यहां से महानगरों के लिए फ्लाइट मिलने में काफी आसानी हो जाएगी। जिस तरह से रेलवे स्टेशन के भवन का निर्माण हुआ है वह अयोध्या की संस्कृति के अनुरूप हुआ है।

दक्षिण भारत से लेकर तमाम अलग-अलग राज्यों से सीधी ट्रेन अयोध्या के लिए कनेक्ट हो जाएंगी। सड़क यातायात की बात करें तो अयोध्या को कनेक्ट करने वाली सभी सड़कों को फोरलेन बनाने का प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया गया है। जितने भी रेलवे क्रॉसिंग थे सभी पर ओवर ब्रिज बन रहे हैं। साल 2 साल की बात है उसके बाद अयोध्या का स्वरूप बदला हुआ दिखाई देगा।

उनके मुताबिक जल्द ही यह प्रयास किए जाएंगे कि बस अड्डे तक लोकल सवारी ले जाने वाले वाहन आसानी से पहुंच सके ताकि यात्रियों को काफी सुविधा हो और निष्क्रिय पड़े बस अड्डे को पूरी तरीके से शुरू किया जा सके।

साथ ही साथ शासन की मंशा के अनुरूप नए अंतरराज्यीय बस अड्डे का काम शुरू होने तक यह कोशिश की जा रही है कि बाहर से आने वाले यात्रियों को शहर तक लाने और उनके वापस बस अड्डे तक जाने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर सिटी बस चलाने पर भी विचार बनाया जाए।