Asmita Dorjee scales Mt Everest : एक मनुष्य चाहे तो कुछ भी कर सकता है उसकी इच्छा शक्ति और कुछ कर गुजरने का जज्बा सबसे अहम होता है, बाकी सब उसके आगे फीका पड़ जाता है। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की वरिष्ठ प्रशिक्षक और दिग्गज पर्वतारोही अस्मिता दोरजी Asmita Dorjee ने इस बात को सिद्ध कर दिया है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया है ,अपनी शुरुआत उन्होंने अप्रैल के महीने में करी थी और आज उसमें उन्होंने सफलता हासिल करी है अपनी सफलता से उन्होंने महिलाओं को प्रेरणा देने के साथ ही देश का नाम भी रोशन किया है।
39 साल की अस्मिता झारखंड की रहने वाली हैं। अप्रेल में उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत की थी और खुंबू क्षेत्र में 8 दिन के बाद 14 अप्रैल को एवरेस्ट के आधार शिविर में पहुंची. विज्ञप्ति के अनुसार, अस्मिता ने 18 मई को खतरनाक खुंबू हिमप्रपात पार किया और 19 मई को शिविर संख्या दो में पहुंची.
अस्मिता दोरजी Mountaineer Asmita Dorjee ने 22 मई को रात 10:00 बजे शिखर पर चढ़ने की शुरुआत की और 23 मई को भारतीय समयानुसार सुबह 08:20 बजे एवरेस्ट के शिखर पर पहुंची. अस्मिता के साथ नेपाल के बेहद अनुभवी शेरपा गाइड लकफा नुरू मौजूदे थे। पिछले साल भी उन्होंने बिना सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन के दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ने का प्रयास किया था, उन्होंने 30 मई 2022 को बिना सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन के माउंट मानस्लू में चढ़ाई करी थी वैसा करने वाली देश की दूसरी भारतीय महिला बन गई थी।
We're proud of Asmita Dorjee, a 39-year-old Senior Instructor at #TataSteelAdventureFoundation for achieving the incredible feat of scaling Mt. Everest. Her indomitable spirit will inspire future generations to scale new heights.
— Tata Steel (@TataSteelLtd) May 23, 2023
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अस्मिता की सफलता पर टाटा स्टील (Tata Steel) ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी। ट्वीट के कैप्शन में लिखा गया कि माउंट एवरेस्ट को फतह करने की अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की 39 वर्षीय वरिष्ठ प्रशिक्षक अस्मिता दोरजी पर हमें गर्व है. उनकी अदम्य भावना आने वाली पीढ़ियों को नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करेगी. कैप्शन में नीचे की तरफ प्रेस विज्ञप्ति का लिंक भी शेयर किया गया है.