Sawan 2023: देवघर में इस बार 2 माह के लिए लगेगा अर्घा, जानें- कैसे होगा जलाभिषेक..

Sawan 2023: झारखंड में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में हर साल की तरह इस साल भी श्रावणी मेला (Sawan 2023)में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस बार 4 जुलाई से सावन शुरू होने जा रहा है। बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा को चढ़ाने देवघर पहुंचते हैं देवघर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए इस बार भी अर्घा सिस्टम किया जाएगा।

भक्त बाबा बैद्यनाथ को छूकर आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन सावन के महीने में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर के मुख्यद्वार पर अरघा यानी एक पात्र लगाया जाता है। भक्त उसी गर्भगृह के पात्र में जल चढ़ाते हैं, जो सीधे शिवलिंग तक जाता है। इस पात्र को अर्घा कहा जाता है। इस साल 2 महीने तक अर्घा सिस्टम रहेगा क्योंकि 19 साल बाद सावन 59 दिनों का हो रहा है।

किस चीज से बना होता है अर्घा

शास्त्रों के अनुसार जब भी शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए तो तांबे या पीतल के पात्र से करना चाहिए। पीतल या तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए सावन के महीने में देवघर में जो अर्घा दिया जाता है, वह पीतल का लोटा ही रहता है। मालूम हो कि देश-विदेश से लोग बाबा के दर्शन के लिए देवघर आते हैं। सुल्तानगंज, जो देवघर से 105 किलोमीटर दूर है, यहां से लोग जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और बाबा बैजनाथ को जल चढ़ाते हैं।