डेस्क : केंद्र सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है कि आने वाले 2 साल के भीतर जितने भी टोल लगते हैं वह सब खत्म कर दिए जाएंगे। यह घोषणा नितिन गडकरी द्वारा की गई है। यह कदम वाहनो के स्वतंत्रता पूर्ण आवागमन के लिए जरूरी है। इस कार्य को पूरा करने के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह तकनीक रूस से ली जाएगी। जैसा कि कमर्शियल वाहन इस वक्त जीपीएस से लैस होते हैं और काफी आसानी से पता लग जाता है की वाहन किस दिशा में जा रहा है।
ऐसे में जो भी खाते से जुड़ा लिंक्ड अकाउंट होगा उससे पैसे खुद का खुद कट जाएंगे। यह जीपीएस की तकनीक को बढ़ाने के लिए जहाँ से भी मदद मिले सरकार लेने को तैयार है ली है। आने वाले 5 सालों में 1.34 ट्रिलियन तक पहुंचाने के लिए यह तकनीक कारगर साबित हो सकती है। इसके लिए सरकार ने कुछ समय पहले फास्ट टैग की योजना उतारी थी जिसके तहत प्रदूषण भी बचाया गया और इंधन भी पर्याप्त मात्रा में मिला। इसीके कैशलेस ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा मिला जिसके तहत टोल संग्रह में पारदर्शिता बनी रही। आपको बता दें कि एनएचआई की ओर से टैक्स का कलेक्शन तीन चौथाई हो गया है जो कि पिछले साल के मुकाबले काफी हद तक बेहतर है।
यह तकनीक काफी ज्यादा राज्यों में प्रचलित है जिस कारण आपराधिक घटनाओं से निजात मिला है और अनेको गैर कानूनी गतिविधियों पर लगाम लगी है। कानून तोड़ने पर चालाक के घर खुद चालान का पहुँच जाना जैसी चीज़ें और कैशलेस टोल टैक्स की मदद से परिवाहन मंत्रालय दिन प्रतिदिन सशक्त होता दिख रहा है।