गर्व! जब 23 साल बाद बेटी पैदा हुई तो फूलों की बारिश के साथ किया नन्हीं परी का स्वागत

न्यूज़ डेस्क: देश बदल रहा है। लेकिन आज भी लोगों की मानसिकता नहीं बदली है आए दिन भ्रूण हत्या जैसे मामले सामने आते रहते हैं। लोगों में बेटों की चाह इतनी बढ़ गई है कि बेटी को जन्म देना सबसे बड़ी गलती समझते हैं। लेकिन कई परिवार ऐसे भी हैं, जो इस सब से उठकर बेटियों को बेटों के बराबर समझते हैं। बेटियों के जन्म पर जश्न भी मनाते हैं। आज हम आपको मध्य प्रदेश के सागर जिले के ऐसे ही परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने बेटी के जन्म पर शानदार जश्न मनाया और समाज को एक सीख दी है।

सागर के जैसीनगर के सगोनी पुरैना में 3 दिन पहले नन्ही परी तरुण और वैशाली के घर आई थी। तरुण के पिता और नवजात के दादा रविंद्र सिंह ने कहा कि आज भी देश में बेटियों को बेटों के बराबर सम्मान नहीं दिया जाता है। लोग बेटी के जन्म पर उस तरह जश्न नहीं मनाते जैसे बेटे के जन्म पर मनाते हैं। बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं होती हैं।

तरुण और वैशाली की खुशी का ठिकाना नहीं है। रविंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि 23 साल बाद लक्ष्मी उनके घर आई हैं. तरुण और वैशाली जब पहली बार अपनी बेटी को लेकर घर पहुंचे तो घर का नजारा देखने लायक था। हर कोई नन्ही परी को गोद में लेना चाहता था। परिजनों ने बताया कि बेटी का जन्म नवरात्रि में हुआ है। उनके लिए वह साक्षात देवी हैं। देश में लोगों द्वारा भ्रूणहत्या जैसा पाप न हो, इसके लिए पूरे देश को मध्यप्रदेश के परिवार से सीख लेने की जरूरत है।