गर्व! 17 साल की बेटी ने अपनी को किडनी देकर बचाया जान – पिता ने कहा- ‘जुग जुग जियो बेटी’..

Devnanda : केरल के कोच्चि में रहने वाली 17 वर्ष की एक बेटी ने समाज के लिए मिशाल भी पेश की है। उसने अपने बीमार पिता की जान बचाने के लिए अपने लिवर का कुछ हिस्सा भी दान कर दिया। उसके इस काम के लिए HighCourt को भी नियम बदलना पड़ा है। यह केस देश का इकलौता केस है, जहां एक नाबालिग को अंगदान की अनुमति माननीय कोर्ट से मिली है. डॉक्टरों का साफ कहना है कि पिता-पुत्री, दोनों ही स्वस्थ्य हैं। देवनंदा की बहादुरी को देखते हुए डॉक्टरों ने सर्जरी का बिल भी अब माफ कर दिया है।

नहीं मिल रहा था कोई डोनर : त्रिशूर की रहने वाली देवनंदा 12वीं छात्रा है। देवनन्दा के पिता लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। डॉक्टरों ने उसे लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी। देवनंदा ने अपने पिता के लिए डोनर तलाशना शुरू किया। लेकिन उनका ब्लड ब्रुप B निगेटिव था, इसलिए कोई भी डोनर नहीं मिल रहा था।

2022 में High court से मांगी अनुमति : इसी बीच देवनंदा को पता चला कि उसका ब्लड ग्रुप O पॉजिटिव है, जो कि यूनिवर्सल होता है। डॉक्टरों ने उसे सलाह दी कि वह अपने पिता को लीवर डोनेट कर सकती है। उसने फिर अपने परिवार को मनाया और आगे की प्रक्रिया शुरू की। उसने 2022 में केरल High Court से अंगदान करने की छूट भी मांगी थी। कारण देश में नाबालिगों को अंगदाता बनने की कोई अनुमति नहीं है। हालांकि कोर्ट ने उसकी अर्जी को स्वीकार कर लिया।

जस्टिस ने भी की देवनंदा की तारीफ : हाइकोर्ट के जस्टिस वीजी अरुण ने 20 दिसंबर 2020 को अपने आदेश में कहा कि देवनंदा की अथक लड़ाई आखिरकार रंग ले लाई। 9 फरवरी को देवनंदा ने अपने पिता को लिवर का एक हिस्सा भी डोनेट किया। एक हफ्ते तक अस्पताल में रहने के बाद वह डिस्चार्ज होकर घर पर आ गई है। उसके अभी पिता अस्पताल में भर्ती हैं। वह उनका घर पर बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है।