Engineer बनने वाले छात्र समझ लीजिए IIT और NIT में क्या अंतर होता है? जानें- कैसे लें दाखिला..

12वीं के बाद देश के लाखों छात्रों का सपना होता है कि इंजीनियरिंग फील्ड में अपना करियर बनाएं. आज के समय में भारत में कुल टॉप 23 बड़े आईटीआई संस्थान खोले गए हैं. लेकिन देश की टॉप (NIT) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी IIT को कई बार प्लेसमेंट के मामले में पीछे छोड़ देती है. तो चलिए जान लेते हैं कि, IIT और NIT मे क्या अंतर होता है, और इनमें प्रवेश लेने के लिए क्या करना होता है और उनकी तैयारी का प्रोसेस क्या है?

IIT से NIT कैसे अलग ?

गौरतलब है कि इंजीनियरिंग करने के लिए छात्र IIT और NIT दोनों ऑप्शन में से कोई भी चुन सकते हैं. लेकिन आज के समय में आईटीआई लिस्ट के मायने में सबसे ऊपर यानी टॉप पर चल रही है. आईआईटी में इंफ्रास्ट्रक्चर, कोर्स और फैसिलिटी भी अच्छी तरीके से प्रोवाइड की जाती है. वही आईआईटी में आधुनिक यानी नई नई टेक्नोलॉजी के साथ समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं. जबकि एनआईटी का इंफ्रास्ट्रक्चर आईआईटी से थोड़ा कम होता है.

ऐसे ले सकते हैं दाखिला

छात्र 12वीं के बाद JEE Main की परीक्षा क्वालीफाई करके NITs में एडमिशन ले सकते हैं. जबकि आईआईटी में दाखिला लेने के लिए छात्रों को JEE एडवांस की परीक्षा क्वालीफाई करनी होती है. JEE Main की परीक्षा के बाद हर NIT अपने-अपने कटऑफ जारी कर देते हैं. कटऑफ में क्वालीफाई करने वाले छात्रों को दाखिला लेने की अनुमति मिल जाती है. जबकि IITs में दाखिला लेने के लिए छात्रों को JEE Advance और JEE MAIN में दोनों परीक्षा को उत्तरण करना होता है.

ऐसा होता है इनका सिलेबस

छात्रों को अपनी 11वीं और 12वीं पढ़ाई के फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री के साथ-साथ JEE का सिलेबस भी पूरा करना होता है. जाहिर सी बात है 12वीं के बाद छात्रों को इस बात की जानकारी होना चाहिए कि आखिर JEE का सिलेबस क्या होता है और क्या पढ़ाया जाता है. ऐसे में जो छात्र जेईई की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें पहले से ही सिलेबस को लेकर तैयारी करने के लिए कह दिया जाता है. वहीं अगर कोई छात्र आईआईटी में दाखिला लेना चाहता है तो उसे में सिलेबस से पूरी तरह अलग नहीं पढ़ना होता है. इन दोनों परीक्षाओं के लिए छात्रों को लगभग समान तरीके की सिलेबस होता है.

इंफ्रास्ट्रक्चर और सीटें

आज के समय में देश में कुल 23 बड़े IIT संस्थान और 31 NIT संस्थान मौजूद है. जिनमें अंडर ग्रेजुएट छात्रों के लिए कुल 16234 सीटें जबकि NIT में अंडर ग्रेजुएट छात्रों के लिए 23997 सीट है. NIT के लिए छात्रों के जुबान पर त्रिचि कैंपस का नाम हमेशा रहता है. जबकि IIT के लिए छात्रों की पहली पसंद खड़कपुर होती है जो 2100 एकड़ में फैला हुआ है.