पिता भट्टी में पकाते हैं ईंट, कमरे की छत से टपकता है पानी -बेटे ने दुसरे प्रयास में पास की UPSC की कठिन परीक्षा

Desk : व्यक्ति अगर ठान लें तो कठिन से कठिन पहाड़ को चीर सकता है,इंसान की क्षमता किसी भी संसाधन की मोहताज नहीं है । कुछ कर गुजरने का जज्बा और कभी हिम्मत न हारने वाली सोच ही उसे मुश्किल से मुश्किल वक्त से लड़कर आगे निकलने में मदद करती है ,फिर चाहे निराशा कितनी ही गहरी क्यों ना हो। उत्तर प्रदेश के मुक्तेंद्र कुमार इसकी जीती जागती मिसाल हैं,जिन्होंने 3 साल की तैयारी और अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी का एक्जाम क्रैक किया है।

यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने 819 वा स्थान हासिल किया है, इनके पिताजी ईट भट्टी में मजदूर हैं लेकिन अपने घर की आर्थिक स्थिति को इन्होंने कभी भी अपने मार्ग का रोड़ा नहीं बनने दिया। सबसे खास बात ये है कि उन्होंने यह परीक्षा हिंदी मीडियम से पास करी है जिसमें कामयाबी का प्रतिशत बेहद कम रहता है, हालांकि इस साल हिंदी मीडियम में कामयाबी का प्रतिशत बढ़ा है, जोकि एक खुशी की बात है। इससे पता चलता है कि यूपीएससी धड़ल्ले से अंग्रेजी बोलने वालों को नहीं बल्कि ज्ञान को ज्यादा महत्व दे रही है।

बहरहाल, उनकी इस सफलता से ना सिर्फ उनके घरवाले बल्कि पूरा गांव बेहद खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मुक्तेंद्र अपने घर की मरम्मत करवाना चाहते हैं जिससे पानी रिसता है,अभी तक आर्थिक तंगी के चलते वह यह काम नहीं करवा पा रहे थे इसके अलावा वो अपनी बहन की शादी भी धूमधाम से करवाना चाहते हैं। इनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जो किसी भी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और एक उम्मीद की किरण खोजते हैं, इनके इस हौसले को हमारा सलाम है।