तेज रफ़्तार में चलने के बाद भी पटरी से क्यों नहीं उतरती रेलगाड़ी ? जानिए Train के पहियों का रहस्य

डेस्क : भारत में इंडियन रेलवेज के भीतर Train का बहुत बड़ा नेटवर्क है, बता दें कि यह पूरे विश्व में चौथे नंबर पर आता है। ऐसे में भारत की रेलगाड़ियां भारत के लोगों को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन ले जाने में इतनी सक्षम है कि वह किसी भी प्रकार से कोई देरी नहीं करती हैं। यदि देरी होती भी है तो उसमें तकनीकी खराबी के चलते लोगों को असुविधा होती है।

अन्यथा रेलवे अपने काम एवं अपने सिस्टम के लिए पूरे देश भर में जानी जाती है, बता दे की रेलगाड़ी काफी तेज गति में चलती है जिसके चलते निर्धारित समय में ट्रेन एक दूरी को पूरी कर लेती है लेकिन जब रेल गाड़ी बहुत तेज चलती है तो वह पटरी से नहीं उतरती। ऐसे में आज हम बताएंगे कि आखिर रेलगाड़ी तेज गति में चलने के बाद भी पटरी से क्यों नहीं उतरती ?

इसके लिए सबसे पहले हमें जानना होगा कि आखिर रेलगाड़ियां पटरी से क्यों उतरती है? आपको बता दें कि इसके पीछे कई कारण है। ऐसे में ज्यादातर कारण मैकेनिकल फॉल्ट के होते हैं, जिसमें रेलवे ट्रैक खराब हो जाता है। ज्यादातर रेलगाड़ी की पटरी चटक जाती है। कभी-कभी ट्रेन के कोच को खींचने वाला जोड़ टूट जाता है जिसके चलते ट्रेन पटरी से उतर जाती है, बता दें कि जब भी पटरी पर लगातार ट्रेन का घर्षण होता है तो ट्रैक बिगड़ जाता है और रेलगाड़ी को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है। कभी कभी ट्रैफिक सिग्नल गलत होने की वजह से रेलगाड़ी में अचानक ब्रेक लगानी पड़ती है और तब ट्रेन को बड़ा नुकसान होता है।

यदि ऊपर बताए गए सभी कारण ना हो तो ट्रेन कभी भी पटरी से नहीं उतरेगी। ऐसे में जब भी ट्रेन एक निर्धारित गति पकड़ लेती है तो उसका घर्षण बल का बैलेंस मायने रखता है। यदि नीचे वाला घर्षण बल ऊपर वाले से कम होगा तो अवश्य ही ट्रेन का पहिया फिसलेगा। इस प्रकार की प्रक्रिया ज्यादातर मिटटी में होती है। ट्रेन में ट्रैक्टिव एफर्ट भी काम करता है जिसको मेंटेन किया जाता है। रेलवे का खास सिस्टम इंजन की ओर से पहिए पर लगाए जाने वाले बल को घर्षण बल की सीमा से हमेशा कम रखता है, इससे इंजन फिसलता नहीं है.