बाहर आया Ola Electric का सबसे बड़ा झूट, खुलासे में पता चला की वादे करके ग्राहकों को सिर्फ चूना लगाया

डेस्क : इस वक्त देश में इलेक्ट्रिक वाहन की कंपनियां दस्तक दे चुकी हैं। सरकार का प्लान है कि वह 2030 तक कम से कम 30% इलेक्ट्रिक ऊर्जा से संचालित होने वाले वाहन चाहती है। लोग भी नए-नए इलेक्ट्रिक वाहन की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। बीते समय में हमने देखा कि पेट्रोल और डीजल के दाम कुछ इस प्रकार से बढ़े की लोगों ने हाय तौबा मचा दी। किसी ने सरकार की फजीहत की तो किसी ने वाहन चलाने का विचार ही बदल दिया।

इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार को देखते हुए, ओला कंपनी ने यह निश्चय किया था कि वह भारत में अपना यूनिट खुद चलाएगी, जिसके चलते तमिलनाडु में उन्होंने पूरी फैक्ट्री तैयार की थी। बता दें कि हाल ही में कुछ नतीजे निकल कर सामने आए हैं जिसमें कंपनी ने 30 दिसंबर 2021 तक s1 और s1 प्रो मॉडल की मात्र 111 यूनिट सेल की है। ola ने दावा किया था कि बुकिंग के नाम पर उन्होंने 90,000 रजिस्ट्रेशन किए हैं, लेकिन उस हसाब से बिक्री नहीं हुई है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में काफी समय लग रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन इस वक्त कठोर पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। प्रक्रिया में निर्धारित समय से ज्यादा का वक्त खर्च हो रहा है जिससे सभी ग्राहक परेशान है। इस इलेक्ट्रिक तकनीक में डिजिटल प्रक्रिया पूरी तरह से अलग बनाई गई है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस वक्त वाहन उद्योग संगठन यानी कि फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से कहा गया है कि ओला इलेक्ट्रिक ने यह वादा किया था कि वह 1,00,00,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर का निर्माण कर देगा लेकिन इस वक्त उसने सिर्फ 111 यूनिट बेचीं है जिसमें लोग काफी शिकायत कर रहे हैं।