क्यों दांत होने के बावजूद अपने शिकार को निगल जाता है मगरमच्छ, जानिए वजह

डेस्क : इंसान हो या कोई दूसरा शिकार, मगरमच्‍छ बिना चबाए उसे निगल जाता है। चौंकाने की बात है कि मगरमच्‍छ के दांत होने के बावजूद वो अपने शिकार को नहीं चबाता है। जीव विज्ञानियों के अनुसार, शिकार को जकड़ने के लिहाज से मगरमच्‍छ के जबड़े काफी मजबूत होते हैं।इसके जबड़े में एक बार शरीर का कोई हिस्‍सा या शिकार फंसने के बाद छुड़ाना मुश्किल है।

शिकार को घसीटकर पानी में ले जाता है और इसके बाद उससे बचने की संभावना काफ़ी कम हो जाती है।मगरमच्‍छ में मुंह में दांतों की संरचना ही ऐसी होती है कि ये शिकार को दबोच सकते हैं लेकिन चबा नहीं सकते। इनके मुंह में किनारों पर दांत होते हैं और ऐसे में ये शिकार को चबा नहीं पाते और सीधे न‍िगल जाते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर मगरमच्‍छ के पेट में शिकार पचता कैसे है? शिकार को जबड़े से दबाते और तोड़ते हुए ये पेट में पहुंचाते हैं। चौंकाने वाली बात यह भी है कि मगरमच्छ के चार पेट होते हैं।

मगरमच्‍छ के पेट में अध‍िक गैस्ट्रिक एसिड निकलता है जो खाने को पचाने का काम करता है। विशेषज्ञों की मानें तो मगरमच्‍छ जो भी खाते हैं वो शिकार लगभग 10 दिन तक उसके पेट में धीरे-धीरे पचता है। यही कारण है कि जब मगरमच्‍छ किसी बड़े जीव को खाता है तो कुछ समय तक शिकार नहीं करता। वह शांत बैठा रहता है, क्‍योंकि तब उसके शरीर में भोजन के पचने की प्रक्रिया चल रही होती है।