Property Issue : अगर दादा, पिता, भाई प्रापर्टी में आपका हिस्सा न दें तो क्या करें? जानें- अपने अधिकार….

Property Issue : भारत के गांव और शहरों में भी संयुक्त परिवार देखने को मिलते हैं और इनमें सभी लोग एक साथ रहते हैं। लेकिन अब जमाने के साथ-साथ संयुक्त परिवार भी छोटी फैमिली में बदल रहे हैं। इसके साथ ही प्रॉपर्टी को लेकर कई बार इश्यू हो जाता है।

आज कल संपत्ति विवाद हर किसी घर में देखने को मिल जाता है और इस मामले में कई बार मारपीट या कोर्ट कचहरी भी हो जाती है। कई बार तो प्रॉपर्टी को लेकर बाप, बेटे या भाई-भाई में भी झगड़ा हो जाता है, क्योंकि प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का लालच लोगों में कुछ इस प्रकार बढ़ चुका है।

ऐसा कई बार होता है कि लोगों को संपति को लेकर अपने उत्तराधिकार नहीं पता होते हैं और इनमें ज्यादातर लड़कियां होती हैं जिन्हें अपने संपत्ति के अधिकारों के बारे में नहीं पता होता है। आज के जमाने में भी कई लड़कियां ऐसी है जो अपने हक से वंचित रह जाती हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे यदि किसी दादा, पिता या भाई किसी पैतृक संपत्ति में आपको हिस्सा नहीं देते हैं तो आप इसके लिए क्या कदम उठा सकते है?

कितना होता है पैतृक संपति में हिस्सा?

अगर किसी संपत्ति में आपके दादा, पिता या भाई का हिस्सा है और वह पैतृक संपति है तो इसमें आप का भी हिस्सा होना जरूरी है। बेटी को भी बेटों के साथ पैतृक संपत्ति में हिस्सा जन्म के साथ ही मिल जाता है और अगर उस संपत्ति को बेचा जाता है तो उसमें बेटी का भी हक होता है।

हिंदू उत्तराधिकार नियम के अनुसार संपत्तियों के दो प्रकार होते हैं जिनमें एक पैतृक संपत्ति होती है और दूसरी खुद की कमाई हुई संपत्ति होती है। आसान भाषा में अगर आपके पूर्वज कोई संपति आपके लिए छोड़कर जाते है तो इसे पैतृक संपति कहा जाता है। इसमें सभी बच्चों बेटे और बेटी का अधिकार बराबर होता है।