Smart Meter VS Old Meter : आज के समय देश के अधिकांश गांवों तक बिजली पहुंच गई है। बिजली बिल कितना आया यह पता लगाने के लिए मीटर लगाया जाता है। हालाकि यह शुरुआती दिनों में नहीं लगाया जाता था। लेकिन बिजली चोरी के बढ़ने मामले के बाद मीटर लगाया गया। इसके बाद बाद भी बिजली चोरी में ज्यादा कमी नहीं आई। अब सरकार स्मार्ट मीटर लेकर आई है। इसके कई फायदे हैं। आइए आज पुराने मीटर और स्मार्ट मीटर दोनों के बीच के अंतर को जानते हैं।
पुराने मीटर में कैसे करता था काम
लोग पुराने मीटर को आसानी से बंद कर सकते है।। इससे छेड़छाड़ करना बहुत आसान था। 100 यूनिट बिजली जलाने पर मीटर में 10 यूनिट ही रीडिंग आ रही थी। इन गतिविधियों से कंपनी को घाटा का सामना करना पड़ता था। इसमें हर माह 3 से 6 लाख रुपये की बिजली चोरी होती थी। इसका सीधा असर ईमानदारी से बिल चुकाने वाले उपभोक्ताओं पर पड़ रहा था।
स्मार्ट मीटर की खासियत
स्मार्ट मीटर में आपको फोन से रिचार्ज कराना होगा। इसे बिना रिचार्ज किए आप बिजली नहीं जला पाएंगे। आप रिचार्ज प्लान के मुताबिक बिजली का उपभोग कर सकेंगे। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को पहले ही पता चल जाएगा कि कितना बिजली बिल खर्च करना है। इसका फायदा यह है कि अगर आप बाहर जाएंगे तो आपको एक भी रुपया नहीं देना होगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार से बिजली चोरी नहीं कर सकेगा।