अंतरिक्ष में किसी ‘अंतरिक्ष यात्री’ की मृत्यु के बाद उसके “डेड बॉडी” का क्या होता है? जानकर चौंक जाएंगे..

डेस्क : हमारे भारतीय संस्कृति में किसी इंसान की मृत्यु के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार अति शीघ्र ही किया जाता है, क्योंकि ज्यादा देर तक “डेड बॉडी” रखने से वह सड़ने लगता है, इसीलिए उसे चिता के हवाले कर अग्नि के द्वारा समर्पित किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी इस बात को सोचा अगर स्पेस (Space) में किसी अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) की मौत हो जाए तो उसके शव का क्या होता है?

क्योंकि धरती पर तुरंत वापस आना नामुमकिन होता है, तो चलिए आज आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से विस्तार से बताते हैं, की आखिरी शव का क्या किया जाता है? आपको बता दे की अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष यात्रियों के शव को सुरक्षित रखने की कोई सुविधा नहीं होती और न ही अंतरिक्ष (Space) में “डेड बॉडी” को ​जलाया जा सकता है, इस दौरान एस्ट्रोनॉट यानी अंतरिक्ष यात्री के शव को धरती पर लाने के लिए मिशन को अधूरा भी नहीं छोड़ा जा सकता, ऐसे में शव के साथ जो किया जाता है वो जानकार आप हैरान जायेंगे।

अंतरिक्ष में जब किसी अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में शव को “एयरलॉक”  में पैक करके स्पेस में ही छोड़ दिया जाता है, ऐसा करने के बाद “डेड बॉडी” अंतरिक्ष में ही ठंड के कारण “आइस ममी” में बदल जाती है, यदि शव को अंतिरिक्ष में छोड़ने के बाद वो किसी चीज से टकराता नहीं है तो वो अनिश्चित काल तक अंतिरिक्ष में रह सकता है, कई वैज्ञानिकों की मानें तो ये “डेड बॉडी” लाखों वर्षों तक इसी तरह ममी बनकर अंतरिक्ष में रह सकता है।

मालूम हो की स्पेस मिशन पर गए अंतरिक्ष यात्री के “डेड बॉडी” को पृथ्‍वी पर वापस लाने के लिए कई महीने लग सकते हैं, इसीलिए अगर स्पेस में उसके शव को नष्‍ट करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं, वैसे स्पेस में वैज्ञानिकों की ‘डेड बॉडी’ को सुरक्षित रखने और उसे धरती पर वापस लाने को लेकर भी कई शोध चल रहे हैं, इसके लिए प्रोमेसा नाम की एक स्वीडिश कंपनी ‘अंतरिक्ष ताबूत’ बनाने को लेकर प्रयासरत है।