Red Fort Facts : आखिर सफेद किला से कैसे हुआ “लाल किला”? जानें – 5 चौंकाने वाली बातें….

सोचिए, यदि कोई आपसे कहे लाल किला लाल नहीं सफेद है तो? आप कहेंगे ये कैसा सवाल है लाल किला तो लाल ही है, तभी तो उसका नाम ‘लाल किला’ पड़ा है लेकिन आप हैरान हो जाएंगे कि कभी लाल किला सफेद था, एक दम सफेद।

लाल किले के विषय में हम सब जानते हैं और खासकर आज यानी 15 अगस्त के दिन भारत के प्रधान मंत्री ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया है। लेकिन क्या कभी आपने जानने की कोशिश की है कि लाल किला लाल क्यों है और इससे जुड़ा इतिहास क्या है? तो आइए आपको इससे जुड़े कुछ तथ्य बताते हैं

10 साल में बना था लाल किला- 1668ईसवी में शाहजहां ने लाल किले का निर्माण करवाया था और इस किले को बनवाने के लिए ही उन्होंने राजधानी को आगरा से दिल्ली में स्थापित किया था।
यमुना नदी के किनारे – आपको आश्चर्य होगा जानकर की ताजमहल की तरह ही लालकिला भी यमुना नदी के पास बनाया गया था। कभी यमुना लाल किले के नजदीक से बहती थी।
सफेद किला – लाल किला पहले विशुद्ध रूप से सफेद था यानी पहले इसपर चूने की तरह सफेद रंग किया गया था लेकिन समय के साथ साथ वो रंग उतर गया और फिर इसपर लाल रंग करवा दिया गया, जिससे किला लाल हो गया।
किला ए मुबारक – लाल किला मुगल काल में ‘किला ए मुबारक’ के नाम से जाना जाता था, फिर अंग्रेजों के समय इसे बदलकर इसका नाम लाल किला कर दिया गया।
बाज़ार और लाल किला – आपको जानकर हैरानी होगी कि कभी दिल्ली के लाल किले में बाज़ार लगता था, यहां सोने, चांदी के जेवरों से लेकर सिल्क तक का बाजार लगता था।
कितना हुआ खर्च – लाला किले की बनवाई पर उस समय 1करोड़ रुपए का खर्च आया था जो आज के समय के अनुसार बहुत ज्यादा है।
10वर्ष में तैयार- लाल किले का उदघाटन 1964 में हुआ था यानी ये 10 वर्षों में बनकर तैयार हुआ था।
कितने गेट– लाल किले को बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया था कि आने वाले लोगों को समस्या ना हो इसलिए वहां दो गेट लाहौरी गेट और दिल्ली गेट का निर्माण किया गया।