कार में दिन हो या रात लंबे सफ़र के दौरान नींद आ ही जाती है – जानिए इसके पीछे का कारण

डेस्क : कार से सफर की शुरुआत होने के बाद अधिकतर लोगों को नींद आने लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका कारण क्या है? अलग-अलग रिसर्च के मुताबिक कई सारी बातें सामने आई है, जिनमें स्पिप डेब्स, बोरियत और हाईवे हिप्नोसिस है। सफर करने के पहले कई तैयारियां करनी होती है। कोई चीज छूट ना जाए और इसके चिंता में नींद पूरी नहीं हो पाती, जिसे स्लिप डेब्ट कहते हैं। यह सबसे बड़ी वजह होती है।

आइए अब इसका विज्ञान भी समझ लेते हैं।द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट की माने तो चलती गाड़ी में नींद तभी आती है जब कुछ नहीं कर रहे होते हैं। ठीक वैसे ही जैसे रात में सोने के समय दिमाग और शरीर से रिलैक्स होने लगता है। चलती गाड़ी में होने वाला मूवमेंट भी नींद लाने का ही काम करता है। शरीर इस स्थिति में ठीक वैसे ही काम करता है, जैसे बचपन में माता-पिता बच्चों को सुलाने के लिए गोद में हिलाते डुलाते हैं।विज्ञान की भाषा में इसे हाईवे हिप्नोसिस कहते हैं। यह ड्राइवर के साथ भी होता है और लंबी दूरी के सफर में कार ड्राइव करते समय उन्हें नींद आने लगती है।

चाय कॉफी से वे नींद को दूर करने की कोशिश करते हैं। सफर में नींद आने की तीसरी वजह होती है व्हाइट नॉइस। यानी की इंजन की आवाज। हवा की सरसराहट और गाड़ी में बजने वाले संगीत से वाइट नॉइस पैदा होता है।वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि इस तरह के शोर में इंसान को नींद कैसे आ जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बचपन में बच्चों को सुनाने के लिए पैरंट अलग-अलग तरह की आवाज निकालते हैं और बच्चा सो जाता है।

हालांकि, ऐसा क्यों होता है इसकी सटीक वजह अभी तक सामने नहीं आई है।वैज्ञानिकों के मुताबिक लंबे सफर के दौरान नींद आना लाजमी है। यदि 10 से 15 मिनट के सफर में कोई सो जाता है तो उसके सोपाइट सिंड्रोम से पीड़ित होने का खतरा रहता है। यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। जिसमें इंसान अक्सर थका हुआ महसूस करता है।