क्या पाकिस्तानी लड़की से भारतीय पुरुष कर सकता है शादी? जानिए- क्या कहता है कानून

डेस्क : इन दिनों देश में सचिन और पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर की प्रेम कहानी सुर्खियों में है। इसी बीच एटीएस के द्वारा की जा रही पूछताछ के दौरान सीमा हैदर को लेकर कई बातें भी सामने आई है। वहीं आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि सीमा हैदर और सचिन मीणा भारतीय कानून के हिसाब से शादी कर सकते हैं या नहीं। इस लेख में हम इससे संबंधित कानून को जाएंगे।

क्या कहता है भारतीय कानून

भारतीय कानून के मुताबिक, किसी भारतीय के लिए पाकिस्तानी से शादी करना गैरकानूनी नहीं है। भारतीय कानून किसी भी वयस्क को अपनी पसंद के साथी से शादी करने का अधिकार प्रदान करता है। भारतीय कानून के अनुसार किसी देश की सीमा, जाति – पात और धर्म उनकी शादी में रूकावट नहीं बन सकता है।

30 दिन का सार्वजनिक नोटिस देना अनिवार्य

कोई भी मुस्लिम हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हिंदू और मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत शादी कर सकता है। विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत कोई भी वयस्क व्यक्ति आपसी सहमति से विवाह कर सकता है। इस अधिनियम के तहत भारतीय भी विदेशियों से विवाह कर सकते हैं।

हालाँकि, शादी करने से 30 दिन पहले सार्वजनिक सूचना देना आवश्यक है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सीमा हैदर और सचिन मीना भी विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस देकर शादी कर सकते हैं।

इन दस्तावेजों के साथ करना होगा रजिस्ट्रेशन

यदि कोई व्यक्ति पहले हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह करता है, तो उसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत विवाह का पंजीकरण कराना होता है। यदि किसी अन्य धर्म के लोग इस अधिनियम के तहत विवाह का पंजीकरण कराना चाहते हैं, तो वे इसके बाद भी करा सकते हैं।

इस अधिनियम के तहत शादी करने के लिए लड़के की उम्र कम से कम 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनी चाहिए। विवाह के पंजीकरण के लिए लड़के और लड़की की ओर से आवेदन करना होगा। इसमें दोनों का जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो, विवाह निमंत्रण पत्र, यदि तलाकशुदा है तो तलाक डिक्री की कॉपी, यदि विधवा या विधुर है तो साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होगा।

भारत में हुई शादी दुनिया भर में मान्य

अगर लड़का और लड़की कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं तो वे विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत किसी भी नागरिक समारोह में शादी कर सकते हैं। विशेष विवाह अधिनियम के तहत वे लोग भी शादी कर सकते हैं, जो अलग-अलग जाति, धर्म या देश से हैं।

यह नियम विदेश में रहने वाले दोनों भारतीय साझेदारों पर भी लागू होता है। भारत में इस तरह की गई उनकी शादी पूरी दुनिया में कानूनी तौर पर मान्य होगी। इस कानून के तहत एक भारतीय और एक विदेशी भी भारत में शादी कर सकते हैं।