दिवाली पर खाद्य पदार्थों के मिलावट से दूर, जानिए घर पर कैसे करें दूध से लेकर तेल तक की जांच

डेस्क : देश में मिलावट का बाजार व्यापारियों के लिए मुनाफे का जरिया बन गया है। एनएबीएल की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में कुल 1,06,459 खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच हुई। इनमें से 28.56 में मिलावट थी। साल 2012-13 में यह दर 15 थी। इस तरह सात वर्षों में मिलावट का स्तर दोगुना के करीब हो गया।

यूपी-झारखंड सबसे आगे : नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिबरेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में एकत्र किए गए सैंपल में सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ उत्तर प्रदेश में मिले थे। यूपी में मिलावटी खाद्य पदार्थ सैंपल की दर 52.3 फीसदी थी। इसी तरह झारखंड में यह दर 45.39 और तमिलनाडु में 41.68 फीसदी थी।

मिलावटी खाद्य पदार्थ से अंगों पर असर

किडनी: मिलावटी पदार्थ रक्त के जरिए शरीर में जाता है तो हानिकारक तत्व किडनी के भीतरी हिस्से को क्षतिग्रस्त करता है।

मस्तिष्क: मिलावटी खाने वाले पदार्थ से तत्काल सीधे मस्तिष्क को होने वाले नुकसान का पता नहीं चलता है। धीरे-धीरे व्यक्ति में इसके लक्षण चक्कर के रूप में आते हैं।

अपने आप को इस तरह जांचें

दूध: दूध की कुछ बूंदों को सतह पर डालें। अगर दूध बह जाए और उसके पीछे पानी जैसी लकीर बन जाए तो दूध में पानी की मिलावट होती है।

दाल: एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी और हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदें मिलाएं। रंग मिलाने पर एक गुलाबी रंग निकलेगा।

घी : एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड या आयोडीन मिलाएं। रंग बदलता है तो घी में मिलावट की पूरी संभावना रहती है।

हल्दी: पांच बूंद पानी और पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। अगर पाउडर मिलावटी है तो उसका रंग बैंगनी या गुलाबी हो जाएगा।

चीनी : एक कप पानी में दो चम्मच चीनी डालकर गर्म करें। अगर उसमें चाक पाउडर होगा तो वह नीचे दिखना शुरू हो जाएगा।