आखिर शादी में दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी? जानें Haldi Rasam – असली मायने…

न्यूज़ डेस्क: भारतीय शादियों में कई सारे रस्म होते हैं। सभी रस्मों के अपने महत्तव होते हैं। इसमें शादी से एक दिन पहले हल्दी का रस्म (Haldi Rasam) होता है। इसमें दूल्हा-दुल्हन को पारंपरिक गीतों के साथ हल्दी लगाया जाता है और सब नाच झूम कर इस रस्म का आनंद लेते हैं। यह परंपरा सदियों पुरानी है। तो आज हम आपको बताते हैं कि शादियों में हल्दी का रस्म महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है।

साफ़ और चमकती त्वचा का उपाय : आज से कई दसक पहले दूल्हा-दुल्हन को सजाने- सवारने के लिए ब्यूटी पार्लर, सैलून, कॉस्मेटिक ब्यूटी ट्रीटमेंट आदि नहीं हुआ करता था, जिस वजह से दूल्हा-दुल्हन को सुंदर और चमकदार बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता था। दरअसल, हल्दी में कई ऐसे गुण होते हैं जो आपकी त्वचा को साफ और चमकदार बनाते हैं। यही कारण है कि चेहरे के अलावा हाथों और पैरों में हल्दी लगाने की परंपरा है ताकि शादी के दिन दूल्हा और दुल्हन सबसे खूबसूरत दिखें।

त्वचा रहे दाग-धब्बे से मुक्त : हल्दी को औषधीय गुणों के साथ ही रोगाणुरोधक के रूप में भी जाना जाता है। शादी से एक दिन पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है ताकि उनकी त्वचा पर किसी तरह का दाग न लगे और वे दोनों फ्रेश दिखें। साथ ही हल्दी में ऐंटिसेप्टिक गुण होने की वजह से दूल्हा-दुल्हन को चोट वो बीमारी से भी बचाती है।

त्वचा डिटॉक्स हो जाती है : हल्दी कई मायनों में अतिलाभलदायक है। त्वचा को डीटॉक्स करने के लिए हल्दी रामवाण इलाज है। इसके बाद कपल काफी फ्रेश दिखतें हैं। एक्सफोलिएटिंग एजेंट के रूप में जानी जाने वाली हल्दी शरीर को साफ करने के साथ-साथ शुद्ध भी करती है। हल्दी के लेप के उपरांत त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स हट जाते हैं और आपकी पूरी त्वचा डिटॉक्स हो जाती है।

शुभ कार्यों में पवित्रता का प्रतीक है पीला रंग : भारतीय सभ्यता में रंगों का काफी महत्व है। ऐसे में हल्दी का पीला रंग शुभ कार्यों के लिए काफी शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि नए जोड़ें के लिए पिला वस्त्र धारण करना सांस्कृतिक दृष्टिकोण बेहद पवित्र माना गया है। इन्ही कारणों से शादियों में हल्दी की परंपरा आज भी चली आ रही है।