Mutual Fund में करना चाहतें हैं निवेश? पहले जान लीजिए यह बात वरना फंस जाएंगे झमेला में

भारत विविधताओं (Indian Diversity) का देश है। यह वाक्य आप जरूर पढ़े होंगे। और इसको प्रैक्टिकल जीवन में समझते भी होंगे। जिस प्रकार सभ्यता संस्कृति (Culture and Traditional) में भारत समृद्ध और विविध है उसी प्रकार भारत हर क्षेत्र में विविधताओं से भरा पड़ा है।

उदाहरण के लिए आप निवेश (Investment) देख सकते हैं। अगर आप भारत में निवेश (Investment In India) करना चाहते हैं तो यहां आपको काफी संख्या में विकल्प मिल जाएंगे। शेयर मार्केट(Share Market), गोल्ड (Gold), फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit), म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) इनमें से कुछ चुनिंदा विकल्प है जिसमें लोग पैसे लगाना पसंद करते हैं।

लेकिन जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते हैं वह शेयर मार्केट (Share Market) में पैसे लगाने से कतराते हैं। उनके सामने म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतर ऑप्शन के तौर पर उभर रहा है। लेकिन किसी भी योजना में बढ़िया रिटर्न पाने के लिए आपको उस योजना के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

जैसे कि अगर आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो आपको रेगुलर फंड (Regular Mutual Fund) और डायरेक्ट फंड (Direct Mutual Fund) में अंतर को समझना चाहिए। एक पत्रकार के तौर पर मेरी पहली सलाह यह है कि निवेश (Investment) करने से पहले आपको इस आर्टिकल को पढ़ना चाहिए और दूसरा सलाह यह है कि अपने दोस्तों एवं जानकारों को ही शेयर करके इस आर्टिकल को पढ़ाना चाहिए।

तो आइए आते हैं मुद्दे पर। और मुद्दे की बात यह है की अगर आप डायरेक्ट फंड (Direct Mutual Fund) में पैसा लगाते हैं तो जो रिटर्न आपको मिलेगा उसमें डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन नहीं देना होता है। जबकि रेगुलर फंड (Regular Mutual Fund) में आपको कमीशन देना पड़ेगा।

डायरेक्ट फंड (Direct Mutual Fund) में अगर आप पैसा ज्यादा समय के लिए निवेश करते हैं तो फिर आपको रेगुलर फंड (Regular Mutual Fund) के मुकाबले ज्यादा लाभ मिलेगा।

डायरेक्ट फंड (Direct Mutual Fund) में निवेशक अपने निवेश को हेरफेर कर सकता है। लेकिन रेगुलर फंड (Regular Mutual Fund) में डिस्ट्रीब्यूटर की सहायता से ही कर सकता है।