Air India ने शुरू की महिलाओं के लिए खास सुविधा, प्लेन में बैठने के बाद भी ले सकेगी इसका फायदा

Air India : जब से विमान सेवा कंपनी Air India को Tata Group ने खरीदा है तब से ही इसकी सेवा में बदलाव किए जा रहे हैं। टाटा ग्रुप में एयर इंडिया को खरीद लिया है और अब इसमें नई सुविधा दी जा रही हैं। इन सुविधाओं में अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए भी एक खास सुविधा की शुरुआत की गई है।

मंगलवार को दिए गए बयान में बताया कि जो महिलाएं अकेले सफर कर रही हैं अब उन्हें विमान में बैठने के बाद भी सीट बदलने का मौका दिया जाएगा। अकेले सफर करने वाली महिलाओं को विंडो सीट या एस्ले सीट दी जा सकती हैं।

विमान कंपनी की तरफ से बताया गया है कि हम अपने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं और इसे सबसे पहले रखते हैं। इसीलिए हमने जेंडर सेंसिटिव ऑप्शन सीट चुनने का विकल्प शुरू किया है। Air India कंपनी की तरफ से 3 अक्टूबर को जारी निर्देश में कहा गया कि अब अकेले सफर करने वाली महिलाएं अपनी पसंद के हिसाब से सीट का चुनाव कर सकती हैं। एयर इंडिया की तरफ से यह फैसला पुरुषों और महिलाओं के बीच होने वाले विवाद को रोकने के लिए लिया गया है।

कैसे मिलेगी ये सुविधा

Air India ने सर्कुलर में कहा कि केबिन क्रू को खास ट्रेनिंग दी जाएगी और यात्रियों से निवेदन किया जाएगा कि वह अकेले सफर कर रही महिलाओं को विंडो सीट या एस्ले सीट दें। अकेले सफर करने वाली महिलाओं के दोनों तरफ पुरुष की सीट होती है तो ऐसे में महिलाओं को विंडो सीट दी जाने की शुरुआत की जाएगी। ताकि वह आरामदायक सफर कर सके। ऐसे में केबिन क्रू के सदस्य पुरुषों से सीट बदलने के लिए अनुरोध करेंगे। छोटे बच्चों के साथ अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।

बच्चों को भी मिलेगा मौका

इसके अलावा Air India ने बताया कि अगर कोई बच्चा अकेले सफर कर रहा है तो उसे विंडो सीट या एस्ले सीट के बजाय बीच की सीट दी जाने की कोशिश की जाएगी। उसके पास भी फ्लाइट में पहुंचने के बाद सीट बदलने का मौका रहेगा। इसका फायदा महिलाओं और पुरुष के बीच होने वाले किसी भी विवाद को टालने के लिए किया जा सकता है।

क्यों लिया ऐसा फैसला

Air India ने बताया कि उसके पास कई सारी शिकायत आती है जिसमें अकेले सफर कर रही महिलाओं को बीच वाली सीट पर बैठकर सफर करने में परेशानी होती है।उसके बाद एयर इंडिया ने जेंडर सेंसिटिव मानकर सीट बदलने का विकल्प रखा है। लेकिन इससे केबिन क्रू के सदस्यों की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योंकि उन्हें किनारे बैठे यात्रियों से अकेले सफर कर रही महिला यात्री के लिए सीट छोड़ने की रिक्वेस्ट करनी होगी।