RBI MPC Meeting : रिजर्व बैंक ने फिर बढ़ाया ईएमआई का बोझ? जानिए क्या हुआ बैठक में

RBI MPC Meeting पिछले तीन दिनों से चली आ रही आरबीआई मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy Meeting) की समीक्षा बैठक आज खत्म हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने मीटिंग को कंक्लूड करते हुए बैठक में लिए गए तमाम फैसलों की जानकारी दी।

शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने जानकारी देते हुए बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने लगातार चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक (MPC Meeting) में रेपो रेट (Repo Rate) को पुराने स्तर पर ही कायम रखा है, जिससे अधिकारिक बैंकों को लोन देने की दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

इसका मतलब यह है कि बैंकों को RBI से लोन लेते समय पुराने रेपो रेट (Repo Rate) पर ही कर्ज मिलेगा, जो आम लोगों के लिए आर्थिक स्थिर में सुधार का संकेत है। यह जानकारी खुद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने दी।

कौन तय करता है रेपो रेट (Repo Rate)?

रेपो रेट (Repo Rate) क्या होगा और कितनी होगी, यह आरबीआई द्वारा निर्धारित की जाती है। बैंकों को लोन देते समय उन्हें आरबीआई से कितने मुनाफे पर कर्ज लेना होगा यह निर्धारित भी आरबीआई (RBI) ही करता है। इस बार RBI ने रेपो रेट (Repo Rate) को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है, जो कि पिछले मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Meeting) बैठकों में भी बरकरार है।

गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Meeting) के माध्यम से बताया कि भारत विश्व अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक इंजन का काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन से संकेत मिलता है कि प्राइवेट सेक्टर का निवेश (Investment In Private Sector) बढ़ रहा है, जो आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक अच्छी पहल साबित हो सकती है।

इससे पहले, RBI ने महंगाई (Inflation) को काबू करने के लिए मई 2022 से मार्च 2023 तक रेपो रेट (Repo Rate) में ढाई प्रतिशत का इजाफा किया था।