Petrol-Diesel Rates:  भारत में सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल? कच्चे तेल के घटते दामों के क्या है संकेत?

Petrol-Diesel Rates: भारत में गरीब हो या अमीर, सभी लोगों को तेल की जरूरत होती है। पेट्रोल डीजल (Petrol-Diesel) ऑक्सीजन (Oxygen) के जैसी हो गई है जिसके बिना जीवन की कल्पना मुश्किल है।

पिछले सप्ताह में कच्चे तेल के बढ़ते दामों (Crude Oil Price) ने आम जनमानस में एक बेचैनी पैदा कर दी थी। लोगों में इस बात की चर्चा खूब थी कि क्या फिर से पेट्रोल डीजल के दाम (Petrol Diesel Rate) बढ़ेंगे? लेकिन अब सुखद खबर निकलकर सामने आई है।

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price In International Market) में धीमी गिरावट आई है, जिसका भारत को फायदा होने की अनुमान है। कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price) एक ही दिन में 5 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट के बाद 85 डॉलर (Dollar) प्रति बैरल (Barrel) के नीचे पहुंच गई हैं। इसमें वैश्विक आर्थिक हालात (Global Economic Conditions) के कारण कच्चे तेल (Crude Oil) की मांग में कमी और उच्च ब्याज दरों के कारण कीमतों में गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है।

28 सितंबर 2023 को ब्रेंट क्रूड ऑयल कीमत (Brent Crude Oil Price) 97.5 डॉलर (Dollar) प्रति बैरल (Barrel) तक पहुंच गई थी, और महज एक हफ्ते में कीमतें 84.48 डॉलर (Dollar) प्रति बैरल (Barrel) तक गिरी हैं। इसका मतलब है कि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में 13.35 फीसदी की गिरावट आई है। इससे भारत के सरकारी तेल कंपनियों (Indian Oil Companies) को पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) बेचने पर हुआ नुकसान कम होने की उम्मीद है।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने बताया कि कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में स्थिरता बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है और यह देशों के हित में है। उन्होंने भारत को कच्चे तेल (Crude Oil) के उत्पादन (Production) और निर्यात (Export) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में बताया।

उन्होंने कहा कि दुनिया आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रही है और कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) का ज्यादा रहना उत्पादक देशों (Oil Producing Companies) के हित में नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में 2008 के समान उछाल आए, तो इससे कीमतें पुनः गिर सकती हैं।

पेट्रोलियम मंत्री (Petroleum Minister) बताया कि 2022 के मुकाबले ओपेक (OPEC) और ओपेक+ (OPEC+) देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन (Crude Oil Production) को कम किया है, जिससे कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price) बढ़ी थी, लेकिन अब यह मांग और आपूर्ति के संतुलन की दिशा में बदल गई है।