क्या आप जानते हैं सरकार 1 नहीं 4 तरीके से वसूलती है GST Tax, आज जान लीजिए….

GST : साल 2017 में मोदी सरकार ने देश में एक समान टैक्स लागू करने के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स लॉन्च किया था। देखा जाए तो यह एक तरह का इनडायरेक्ट टैक्स है जो लोगों से व्यापारियों द्वारा लिया जाता है।इसके बाद किसी भी तरह का आयात और निर्यात करने वाले व्यापारी GST भरते है।

इसके बाद से अब हर व्यापारी को जीएसटी के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करना होता है और किसी भी सामान का लेनदेन पर उसे गुड्स एंड सर्विस टैक्स देना होता है। यह आपसे अप्रत्यक्ष रूप से लिया जाता है। लेकिन GST कई प्रकार की होती है जिसके बारे में आम लोगों को पता नहीं है। आईए जानते हैं यह कितने प्रकार की होती है और इनमे क्या फर्क होता है?

कितने प्रकार की होती है GST

सामान्य लोगों को यह पता होता है कि वह GST भरते हैं और ये केवल एक ही तरीके की होती है। लेकिन आपको बता दे कि जीएसटी के चार प्रकार होते हैं और अलग-अलग तरीकों से इन्हें आप भरते हैं। इसमें CGST, SGST, UGST, IGST शामिल है। हम आपको बता रहे हैं कि ये क्या होते हैं और कहां लागू होते हैं?

क्या होती है CGST

CGST का पूरा नाम सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स होता है। जिस सामान की खरीद और बिक्री एक ही राज्य में होती है और यह केंद्र सरकार द्वारा वसूला जाता है। इस पर CGST+SGST वसूला जाता है। इसमें CGST केंद्र सरकार के पास जाती है और SGST राज्य सरकार के पास जाती है।

क्या होती है SGST

इसका मतलब स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स होता है जो किसी भी राज्य के हिस्से में जाती है। ऐसे सामान की बिक्री जो एक राज्य से खरीदा जाता है और इस राज्य में उसकी खपत भी होती है, ऐसे पर SGST वसूला जाता है। खरीद और बिक्री पर CGST और SGST मिलाकर लगता है। इसका मतलब राज्य और केंद्र दोनों इस पर GST लेते है।

क्या होती है UTGST

यह GST केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले लोगों से ली जाती है जिसका पूरा नाम यूनियन टेरिटरी गुड्स एंड सर्विस टैक्स होता है। इसमें CGST के साथ में UTGST भी शामिल होती है। केंद्रशासित प्रदेश जैसे- जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान व निकोबार, चंडीगढ़, दादरा व नागर हवेली और दमन व दीव, लक्षद्वीप, जैसे UTs अपने राज्य में बिक रहे सामान और सेवा पर यूटीजीएसटी इकट्ठा करते हैं। इनमें CGST व UTGST दोनों ही लगते है। दिल्ली और पुडुचेरी भी केंद्रशासित प्रदेश हैं, लेकिन चूंकि उनके पास अपना विधान मंडल है, ऐसे में वो SGST के दायरे में आते हैं।

क्या होती है IGST

IGST का पूरा नाम इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स और ये टैक्स तब लगता हर जब खरीद और बिक्री दो राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच हो। अगर कोई सामान एक राज्य में खरीदा जाये और उसकी खपत दूसरे राज्य में हो तो IGST लगता है। इसके अलावा भारत में आयात या भारत से आयात पर भी IGST लगता है। इसे केंद्र और राज्य सरकार दोनों के बीच बांटा जाता है।