डेस्क : हिंदी सिनेमा जिसे हम ‘बॉलीवुड’ के नाम से जानते हैं। देश का हर दूसरा व्यक्ति फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाने का सपना देखता है।भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री हर साल हज़ारों फिल्म का निर्माण करती है।आर्थिक दृष्टिकोण से इक्कीसवी शताब्दी की शुरुआत से फिल्म उद्योग का उदय शुरू हुआ। आज एक बड़े फिल्म का निर्माण अरबों रूपए तक होता हैं जिसके लिए बॉलीवुड के प्रथम श्रेणी के एक्टर करोड़ो में रूपए कमाते है।
फिल्म इंडस्ट्री में मोटी कमाई करने वाले बहुत सारे एक्टर्स हैं पर कुछ ऐसे भी अभिनेता है इस फिल्म इंडस्ट्री में जो की खानदानी रहीस हैं और उस रहीसों में पहला नाम सैफ अली खान का आता है जो की पटौदी के नवाब हैं। आपको बता दें कि पटौदी घराने से ताल्लुक रखने वाले सैफ की संपत्ति अन्य स्टार्स के मुकाबले काफी ज्यादा है। सैफ अली खान का कुल समपत्ति 5000 करोड़ से भी अधिक है जिसमें हरियाणा में पटौदी पैलेस और भोपाल में उनकी अन्य विरासत में मिली संपत्ति शामिल है।लेकिन एक छोटी सी खामी है जिसके कारण सैफ और उनके बच्चों को पैतृक संपत्ति में से एक भी पैसा नहीं मिलेगा।
हालांकि सैफ अली खान ने इस मुद्दे को लेकर मीडिया में कुछ खास तो नहीं कहते लेकिन एक फ़िल्मी रिपोर्ट के मुताबिक, हाउस ऑफ पटौदी से जुड़ी ज्यादातर संपत्ति और अन्य सामान भारत सरकार के विवादास्पद ( Enemy Disputes Act of the India)शत्रु विवाद अधिनियम के तहत आते हैं। कथित तौर पर, यदि कोई शत्रु विवाद अधिनियम का विरोध करना चाहता है और दावा करता है कि संपत्ति या उससे संबंधित कानूनी रूप से उनकी है, तो उन नागरिकों को उच्च न्यायालय, या सर्वोच्च न्यायालय और अंत में, भारत के राष्ट्रपति के पास जाने की अनुमति है।
रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि ब्रिटिश शासन के तहत नवाब और सैफ अली खान के परदादा हमीदुल्ला खान ने कभी भी अपनी सभी संपत्तियों के लिए एक वसीयतनामा नहीं बनाया, जिसका मुख्य वजह था परिवार का आतंरिक कलह और आज़ादी के बाद सैफ के कुछ परिवार का पाकिस्तान चले जाना।
आपको बतादें की शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 जो अधिनियम है, जो किसी भी देश या उनके निवासि जिन्होंने भारत के खिलाफ युद्ध का प्रदर्शन किया। मूल रूप से, जिन नागरिकों ने भारत में अपनी संपत्ति छोड़ी और अब शत्रु देश में रह रहे हैं, उन संपत्तियों को “शत्रु संपत्ति” माना जाएगा। इन शत्रु संपत्तियों में चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं।यही कारण है की सैफ अली खान इन सम्पत्तियों पर अपना हक़ नहीं जता सकते। हालांकि सैफ अली खान चाहे तो यह अधिनयम को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देकर अपना और अपने बच्चों को इन संपत्ति का मालिक बना सकते हैं।
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