पंचतत्व में विलीन हुई स्वर कोकिला Lata Mangeshkar, नम आँखों और कांपते हाथों से दी मुखाग्नि- देखिए आखिरी तस्वीर

न्यूज़ डेस्क : माँ-सरस्वती का अवतार कही जाने वाली लता मंगेश्कर(Lata Mangeshkar) आज हम सभी को अलविदा कह दिया। 92 वर्षीय लता दी अपने पीछे सेकड़ो गीतों को छोड़ गई। स्वर कोकिला फिल्मी गानों की सहज़ादी थी, जिन्हों अपनी गीत के माध्यम से म्यूजिक इंडस्ट्री को एक आयाम तक पहुंचाया।

लता जी का निधन लोगों के लिए विश्वास कर पाना कठिन है। प्रशंसकों में उनकी निकी जीवन से जुड़े बातों को जानना चाहते हैं। इसमें सबसे लोगों की बड़ी जिज्ञासा यह है कि लता जी अविवाहित क्यों रही। हालांकि गिने-चुने लोग ही जानते हैं कि लता जी को भी प्रेम हुआ और वे भी विवाहित जीवान बिताना चाहती थीं।

लता जी की अविवाहित रहने की दो मुख्य वजह बताई जाती है। पहली तो लता मंगेशकर जितने ही अपनी संगीत को लेकर समर्पित थी उतनी ही अपने परिवार को लेकर भी।

लता जी कम उर्म से जी भाई-बहन की जिमेदारी सम्भालने लगी। इन्हें कामयाब बनाने में ही काफी समय बीत गयी। इसके बाद उन्होंने शादी करनी भी चाही तो कई सारे बाधाएं उत्पन हो गयी।

लता मंगेशकर को जब हुआ प्यार : मीडिया के अनुसार लता दीदी और क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह के बीच काफी लगाव था। दरअसल लता जी के भाई हृदयनाथ के अच्छे दोस्त थे राज सिंह इन्ही कारणों से दोनो एक दूसरे को जान पाएं थे।

राज सिंह राजस्थान के राज परिवार से आते है। इसके साथ ही उस समय के डूंगरपुर के राजा स्वर्गीय महारावल लक्ष्मण सिंहजी के छोटे पुत्र थे। इसी बीच लता जी और राज सिंह का मिलना जुलना बढ़ता गया और लता जी दिल दे बैठी।

इन कारणों से नहीं हो सकी शादी : लता जी राज सिंह को प्रेमवश मिट्ठू कहकर पुकारा करती थीं। दोनों के बीच घनिष्टता बढ़ता गया। दोनों ने शादी भी करना चाहा लेकिन राज सिंह के पिता मंजूर नहीं था। शादी की बात जब महारावल लक्ष्मण सिंह जी को पता चला तो उन्होंने स्पस्ट रूप से मना कर दिया।

लता जी के राज परिवार से ना होने की वजह से यह शादी नहीं हो पाई। राजा महारावल लक्ष्मण अपने पुत्र राज सिंह की शादी किसी आम लड़की से नहीं होने देना चाहते थे। इस घटना के बाद स्वर कोकिला लता मंगेश्कर आजीवन कुंवारी रहीं।