Madhubala के घर की बहु ने उनकी 96 वर्षीय बहन को निकाला घर से बाहर -बिना खाना दिए छोड़ दिया अकेला

डेस्क : गुजरे जमाने की अभिनेत्री मधुबाला(Madhubala) मुगल ए-आजम में अपनी उपस्थिति के लिए जानी जाती हैं। वह 1942 से 1964 तक की प्रमुख अभिनेत्रियों में से एक हैं। अब उनकी सबसे बड़ी 96 वर्षीय बहन कनिज बलसारा बहू समीना पर कुछ चौंकाने वाले आरोप लगा रही हैं।

कनिज बलसारा बिना किसी सहारे और पैसे के New Zealand से मुंबई आ गई हैं। उन्हे उसकी बहू समीना ने फ्लाइट में बिठाया। कनिज 29 जनवरी को रात 8 बजे मुंबई उतरी। मुंबई के बांद्रा इलाके में रहने वाली कनीज़ की बेटी परवीज को समीना नहीं बल्कि एक चचेरे भाई के माध्यम से सूचित किया गया था! यह सब कैसे शुरू हुआ और कैसे समाप्त हुआ यह एक भयावह कहानी है।

मधुबाला की भतीजी और कनिज की बेटी परवीज ने बताया कि उसकी माँ 17-18 साल पहले पति के साथ न्यूजीलैंड गई थीं। क्योंकि वह अपने बेटे फारूक और मेरे भाई- से इतना प्यार करती थी कि वह उसके बिना नहीं रह सकती थी। उसने कहा,”मेरा भाई भी मम्मी से बहुत प्यार करता था। वह हमारे माता-पिता को वहां ले गया जब वे वहां चले गए। वह बहुत सम्मानित व्यक्ति थे। मेरा भाई NZ में सुधार विभाग में काम करता था। लेकिन मेरी भाभी समीना को हमारे माता-पिता पसंद नहीं थे,” ।.

परवीज के अनुसार, डरावनी कहानी न्यूजीलैंड में शुरू हुई और समीना ने अपने तरीके बदलने से इनकार कर दिया। “उसने कभी घर पर मेरे माता-पिता के लिए खाना नहीं बनाया। मेरे भाई फारूक को पास के एक रेस्तरां से मम्मी और पापा के लिए खाना लाता पड़ता था। समीना की बेटी (कनिज की पोती) की अब ऑस्ट्रेलिया में शादी हो गई है, लेकिन उसने भी मेरी माँ के साथ बुरा व्यवहार किया ।वह वही रह रही है । उस दिन समीना के दोनों बच्चो ने एक साथ जब मम्मी को घर से निकलकर विमान में बिठाया दिया ।

परवीज ने बताया, “मैं नियमित रूप से न्यूजीलैंड जाती थी, कभी-कभी साल में दो बार। माँ भी दो बार यहां आती थी। लेकिन वह पिछले 5 वर्षों से नहीं आ सकी क्योंकि मेरे भाई ने कहा कि यह उनकी उम्र को देखते हुए सुरक्षित नहीं हो सकता है, क्योंकि अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है।”

मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण बताती हैं, “मैं हैरान हूं कि मेरी बहन के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया है।”परवीज ने कहा, ‘समीना ने मेरे चचेरे भाई को संदेश देने के लिए चुना न कि हमें। अब, मैं मुंबई में नहीं थी । मैं पालघर में थी। मेरे चचेरे भाई को 29 जनवरी को दोपहर 12 बजे के आसपास सूचित किया गया था। मेरे पास समय पर मुंबई पहुंचने के लिए मुश्किल से 8 घंटे थे।

इतना ही नही,कनीज़ बलसारा के पास मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर अपने RT PCR (COVID) परीक्षण के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन भी नहीं था। परवीज ने कहा, “मैंने पैसे अंदर भेजे और आरटीपीसीआर होने के बाद मेरी माँ ने मुझे सबसे पहले बताया कि ‘बेटा, क्या आप जानते हैं कि फारूक मर गया? मैं उसे कबर में डाल के आई हूं। इसके अलावा उन्होंने बस इतना कहा,”मुझे बहुत भूख लगी है। क्या मुझे कुछ खाना मिल सकता है?’”परवीज ने बताया,”इस साल 8 जनवरी को भाई farook के निधन के बाद से समीना की प्रताड़ना और तेज हो गई होगी.