बिहार में आंकड़ों का खेल : कोरोना से 5458 नहीं, बल्कि 9375 लोगों ने गंवाईं अपनी जान, जानें नीतीश सरकार पर क्यों उठ रहे है सवाल?

न्यूज़ डेस्क : बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े में गरबरझाला सामने आई है। बिहार सरकार एक बार फिर कोरोना संक्रमण से हुई मौत के मामले को लेकर सवालों के घेरे में आ रही हैं। बता दें, कि बिहार में कोरोना से हुई मौतों का सच छुपाने का आरोप प्रत्यारोप हो रहा है। लेकिन बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने खुद इस बात की जानकारी दी है। कहीं बिहार में कोरोना से हुई मौत का असली सच छुपाया तो नहीं जा रहा है। बता दें, कि सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में 8 जून तक कोरोना से 5458 मौत का आंकड़ा बताया था, जो गलत है। जबकि, वास्तविक आंकड़ा 9375 है।’

अलग-अलग जिलों से नहीं भेजा जा रहा था कोरोना का रिपोर्ट: आगे उन्होंने बताया कोरोना से होने वाली मौत में जिलों से आंकड़ा नहीं भेजा जा रहा था। कोरोना से होने वाली मौतों की समीक्षा कराई गई है। एक टीम में मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक व प्रिंसिपल के साथ मेडिसिन विभाग के प्रमुख को रखा गया था। दूसरी टीम में सिविल सर्जन ACMO के साथ एक अन्य मेडिकल अफसर को शामिल किया गया था। समीक्षा में यह बात सामने आई कि कोरोना से मौत के आंकड़ों को अपडेट नहीं किया जा रहा था।

18 मई को गठित कमेटी मे मेडिकल कॉलेज और जिलों से हुई समीक्षा में पाया गया कि 72% मौत सरकार के रिकॉर्ड में ही नहीं है। वही अगर कोरोना से हुई अलग-अलग जिलों के मौत की आंकड़ा कि बात करें तो सबसे पहले स्थान पर पटना है। जहाँ कुल 2,303 मौतें हुईं हैं। जबकि, मुजफ्फरपुर जिला मे कुल 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है। सत्यापन के बाद पटना में सबसे अधिक 1,070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं। इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 और नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं।


अचानक मृत्यु का आंकड़ा बढ़ कैसे गया: बता दें की बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है। यानी मरने वालों की कुल संख्या अचानक बढकर 9429 हो गई। जो मंगलवार को 5458 बताया गया था। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से बुधवार तक मरने वालों की 5478 की संख्या के अलावा सत्यापन के बाद अतिरिक्त 3951 अन्य लोगों की मौत के आंकड़े जोरे गए हैं। नए आंकड़े के बाद‌ विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने को एक नया अवसर मिल जाएगा।