श्री कृष्ण सेतु पर उत्पन्न हो सकता है आवाजाही का संकट , एप्रोच पथ से गुजर रही ट्रक 30 फिट गहरी खाई में गिरी

डेस्क : मुंगेर पुल यानी (श्री कृष्ण सेतु) के एप्रोच पथ के उद्घाटन के महज 1 महीने भी पूरे नहीं हुए कि एप्रोच पथ का धसना शुरू हो गया। 20 वर्षों से बिहारवासी इस घड़ी का इंतजार कर रहे थे, की पुल का उद्घाटन होगा, और उस पर गाड़ियां फर्राटे से दौड़ेगी। लेकिन, अब वह सपना टूटता नजर आ रहा है। क्योंकि महज एक ही महीना के अंदर एप्रोच पथ का धसना अपने आप में ही एक सवाल खड़ा करता है?

जानकारी के लिए आपको बता दें कि 7 मार्च सोमवार को मुंगेर के नन्द लालपुर के पास बेगूसराय-खगड़िया को मुंगेर से जोड़ने वाली NH 333B का एप्रोच अचानक नीचे से खिसक गई है। यह घटना उस वक्त हुआ, जब 18 चक्का का एक ट्रक सड़क के ऊपर से गुजर रही थी, इसी बीच वह ट्रक एकाएक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरी। गनीमत यह रही की ट्रक ड्राइवर और खलासी सुरक्षित गाड़ी पर से कूद गए। और किसी तरह अपनी जान बचा ली।

बता दें कि 14.5 किमी अप्रोच रोड के निर्माण में 696 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें गंगा नदी पर निर्मित रेल सह सड़क सेतु की कुल लंबाई 3.75 किमी है। जबकि, इससे जुड़ने वाले एप्रोच पथ अर्थात NH 333B की लंबाई 14.517 किमी है, वही मुंगेर की ओर से एप्रोच पथ की लंबाई 9.394 किमी तथा खगड़िया की ओर एप्रोच पथ की लंबाई 5.198 किमी है, इस प्रकार यदि हम एप्रोच पथ एवं रेल सह सड़क पुल की कुल लंबाई जोड़ दें तो NH 333B की कुल लंबाई 18.267 किमी होगी।

विदित हो कि 11 फरवरी 2022 को बिहार के सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा बड़े तामझाम के साथ इस पुल का लोकार्पण किया गया था? स्थानीय लोगों की आस जगी थी कि अब मुंगेर पुल (श्री कृष्ण सेतु) चालू होने से आवागमन के साथ ही व्यावसायिक दरवाजा खुलेंगे, विकास को नई रफ्तार मिलेगी, लेकिन ये सपना टूटता नजर जा रहा है। क्योंकि एक ही महीने के अंदर एप्रोच पथ का धरना, अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है?