डेस्क: अब वह दिन दूर नहीं जब बिहार भी किसी स्मार्ट सिटी की तरह भारत की नक्शा पर दिखेगा, क्योंकि विगत कुछ ही महीनों में सूबे में चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य को लेकर मंजूरी मिल चुकी है, इससे बिहार से यूपी-बंगाल- झारखंड जाना बिल्कुल आसान हो जाएगा, बता दें पहला एक्सप्रेस-वे औरंगाबाद से जयनगर के बीच एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है,
दूसरा एक्सप्रेस-वे रक्सौल से पटना होते हुए कोलकाता तक का होगा। तीसरा एक्सप्रेस वे बक्सर से भागलपुर के बीच प्रस्तावित है। तथा अंतिम गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच प्रस्तावित यह बिहार का चौथा एक्सप्रेस-वे होगा, इन चारों एक्सप्रेस वे से बिहार के 38 जिलों में से लगभग 28 जिले जुड़ेंगे,
औरंगाबाद जयनगर एक्सप्रेसवे:- बता दे की औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाली ये फोरलेन गया एयरपोर्ट के बगल से होते हुए जीटी रोड को भी संपर्कता प्रदान करेगी, गया से ये जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में आएगी, यहां से बिदुपुर के बीच बन रहे 6 लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर जाएगी, वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी, औरंगाबाद से जयनगर तक की यह सड़क 271 KM लंबी होगी, ये सड़क पटना सहित प्रदेश के 6 जिलों से होकर गुजरेगी।
दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा जुड़ाव हो जायेगा:- बता दे की पहला एक्सप्रेसवे से गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जाएगा, कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल के माध्यम से ये वैशाली में प्रवेश करेगी, वही वैशाली से समस्तीपुर व दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी, इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली व मधुबनी से होकर गुजरेगी।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे:- बता दे की यह सड़क नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक रज्य का दूसरा एक्सप्रेस-वे छह से आठ लेन का होगा, बिहार के इस दूसरे एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले साल से शुरू होगा, यह करीब 695 किमी लंबा होगा, जिसके निर्माण पर 54 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।इसके निर्माण को पूरा करने की समयसीमा वर्ष 2024-25 है, फिलहाल इस एक्सप्रेस-वे की डीपीआर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यह बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगी, इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं,
बक्सर- भागलपुर एक्सप्रेसवे:- बिहार का तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा, अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को ही भागलपुर को जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 350 KM होगी, इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी पुलों से भी होगा जिससे राज्य की सड़क सम्पर्कता में भी वृद्धि होगी, यह बिहार के बक्सर, भागलपुर और पटना के बाद इसमें बिहार का भागलपुर भी जुड़ जाएगा,
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे:- अंतिम चौथा एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच बनेगा, इस एक्प्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित किया गया है, बता दे की यार गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा, यह न सिर्फ बिहार को यूपी और बंगाल के बीच न केवल आवागमन आसान करेगा बल्कि व्यापार के नए रास्ते भी इससे खुलेंगे,