बिहार सरकार के तुगलगी रवैया पर हड़ताली शिक्षकों ने रखा उपवास

डेस्क : बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले जारी हड़ताल के 75 वें दिन 01 मई मजदूर दिवस के अवसर पर जिले के हड़ताली शिक्षकों ने उपवास रखा। इस दौरान प्रखंड स्तर पर उपवास के कार्यक्रम आयोजित हुए , प्रखण्ड संयोजक डॉ मोहन कुमार के नेतृत्व में उपवास पर बैठे शिक्षकों ने बिहार सरकार शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमान की जमकर भ्रत्सना की.संयोजक ने कहा सरकार के दमनकारी नीति से शिक्षक डरने वाले नहीं हैं.शिक्षक अपनी मान सम्मान की हिफाज़त के लिए संवैधानिक अधिकार के तहत हड़ताल पर गए हैं.इसलिए सरकार के प्रलोभन एवं दमन के कुचक्र मे शिक्षक फंसने वाले नहीं है.

शिक्षा मंत्री शिक्षकों को तोड़ने की साजिश करने के बजाय संघ के नेताओं के साथ सम्मानजनक तरीक़े से वार्ता कर हड़ताल को समाप्त कराएं.उन्होंने रमजान जैसे पवित्र माह के दौरान भी सरकार के असंवेदनहीनता पर जमकर भड़ास निकाली.इस दौरान अबतक 65 शिक्षकों की अकारण हुई मौत के लिए सरकार एवं शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार ठहराया.जबकि शिक्षा मंत्री के द्वारा महामारी को लेकर मानवता के तहत हड़ताल से वापस लौटने की अपील को छल करार दिया.बोले शिक्षक अपनी गरीमा के अनुसार सरकार के द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के प्रथम दिन से समाजिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

लॉकडाउन के दौरान मछली पार्टी का आयोजन कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वाले शिक्षा मंत्री को शिक्षकों को महामारी के तहत कर्तव्यों का पाठ पढ़ाना शोभा नहीं देता.शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं.ये परस्थितियों के अनुसार समाज के दायित्वों का निर्वहन भलीभांति करते चले आ रहे हैं.शिक्षकों के द्वारा स्वयं भुखे रहकर इस महामारी के दौरान समाज के दबे कुचले,गरीब,मजदूरों को राहत पहुंचाने के साथ साथ उन्हें जागरूक करने का कार्य इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा.मौके पर शिक्षक नेता संजीव कुमार,इंद्रमणि कुमार,शम्भू कुमार,ज्योतिष सिंह सहित अन्य मौजूद थे.