बिहार में हमेशा के लिए बंद हो जाएगा, लाल ईंट बनाने वाली चिमनियां, जानिए- फिर लोगों का घर कैसे बनेगा?

डेस्क: बिहार के चिमनी ईट भट्ठा मालिकों के लिए एक बहुत जरूरी खबर निकल कर सामने आई है, केंद्र सरकार के द्वारा बिहार के सभी लाल ईटा बनाने वाली चिमनियां को सदा के लिए बंद करने की तैयारी में है, इस संबंध में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने ईंट पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद बिहार में फ्लाई ऐश से बनने वाली ईंटों को प्रोत्साहन मिलेगा। लाल ईंट बनाने वाली चिमनियां कोयले का इस्‍तेमाल करती हैं। जिससे निकलने वाले काला धुआं सीधे वायुमंडल को दूषित करता है। अगर इसी तरह संचालित रहता तो अगले आने वाले दिनों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

आदेश में यह भी कहा गया है: केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, कोयला से चलने वाले बिजली संयंत्रों के चारों ओर करीब 3000 किमी के दायरे में मिट्टी से ईंट बनाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। अगर इसे लागू किया गया तो बिहार का बड़ा इलाका इससे कवर हो जाएगा। वही बिजली ताप घरों की स्थिति को देखते हुए पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। प्रदेश के एक बड़े क्षेत्र में मिट्टी से बनने वाली ईंटों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

बिहार का 90 प्रतिशत हिस्से में लाल ईट का इस्तेमाल नहीं करेगी: जानकारी के लिए आपको बता दें की बिहार में कई ऐसे पावर प्लांट है, जहां तेजी से काम किया जा रहा है, जैसे की बाढ़, कहलगांव, कांटी, बरौनी और नवीनगर में थर्मल हैं। यही नही पड़ोस के राज्यों यूपी, पश्चिम बंगाल और झारखंड के भी कई थर्मल प्लांट ऐसे हैं, जिसके 300 किमी के दायरे में बिहार के कई जिले आएंगे। अब बिहार के कई क्षेत्रों में केवल फ्लाई ऐेश से बनने वाली ईंट ही बनानी पड़ेगी।