कुम्हारों की अपील, मिट्टी के दीपक जलाकर बचाएं उनकी रोजी रोटी

आपके घर मे दिया जलाकर भी कुम्हारों को नहीं हो पाती मेहनत भर की कमाई

बेगूसराय : दीपावली पर घर घर रोशनी के लिए दीया जलाने के लिए दीया बनाने वाले कुम्हार के घर में अंधेरा है. कड़ी मेहनत करके अपने बाल बच्चों को पालने और दो वक्त की रोटी के लिए दिन रात परिश्रम करने वाले कुम्हार आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे हैं. क्षेत्र के बरियारपुर पश्चिमी, बाड़ा, चलकी, बरियारपुर पूर्वी, मसुराज, खोदावंदपुर, मटिहानी आदि गांव में रहने वाले कुम्हार अभी भी मिट्टी के समान बनाकर और उन्हें बेचकर अपना जीवन बसर कर रहे हैं ।

कुम्हार गांगो पंडित, ललित पंडित, दिलीप पंडित, नारायण पंडित, उत्तीम पंडित, विश्वनाथ पंडित, लक्ष्मी पंडित, साहेब पंडित, रामप्रकाश पंडित, रमेश पंडित सहित अनेक लोगों ने बताया कि दीपावली के मौके पर दीया बनाने के लिए दो तीन महीने पहले ही तैयारी शुरू करना पड़ता है । दूर से मिट्टी लाकर और कड़ी मेहनत करके दीया बनाते हैं.लेकिन इस बार झमाझम बारिश से कुम्हारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ।

उन्होंने बताया कि कर्ज उधार लेकर दीपावली पर्व पर दीया बनाने के लिए सामग्री खरीदे थे.मौसम की वजह से इस बार हाल खस्ता हो गया है.कुम्हारों ने कहा कि दीया और गणेश लक्ष्मी की मूर्ति बनाकर उससे होने वाले आमदनी से किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. कुम्हारों ने बताया कि वेलोग गरीब और भूमिहीन हैं । परंतु सरकार ने उनलोगों की उन्नति के लिए कोई योजना शुरू नहीं की ।

गरीबों और भूमिहीनों के हित की बात करनेवाले कुम्हारों के विकास के लिए किसी सरकार ने कोई पहल नहीं किया. कुम्हारों ने बताया कि उनका पूरा परिवार दीया बनाने के कार्य में सहयोग करता है. तब जाकर दोनों वक्त की रोटी नसीब होती है. इन कुम्हारों ने बताया कि कुम्हार जाति के लिए सरकार कोई योजना बनाएं. तभी गरीब व भूमिहीन कुम्हार जाति का भला हो सकता है।

प्लास्टिक पर रोक लगे तो बिकेंगे दिये

वहीं कुम्हार गांगो पंडित ने बताया का कहना है कि इतने साल इस काम में देने के बाद हमारे पास कुछ और करने का विकल्प नहीं रहता। दीपक बनाने के लिए मिट्टी को खोदकर बहुत दूर से लाना पड़ता है। इसके बाद तैयार दीपक को पकाने के लिए लकड़ी की लागत भी काफी बढ़ गई। वहीं चाइनीज और प्लास्टिक के आइटम ने हमारी बिक्री में सेंध लगा दी है। सरकार इन पर रोक लगाए तब हमारा सामान बिकेगा।

प्रधानमंत्री की अपील मानने की गुजारिश

इन सभी कुंभकारों की गुजारिश है कि प्रधानमंत्री की अपील को ध्यान में रखें और इस साल दीपों का त्योहार मिट्टी के दीपक जलाकर ही मनाएं। ताकि वे भी अपनी रोजी रोटी चलाकर त्योहार को मना सकें।

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