किशनगंज में ओवैसी ने भरी हुंकार, कहा 26 जनवरी तक NRC नही हटा तो पूरे देश…Full Video देखें

बिहार : असदउद्दीन ओवैसी आज रविवार को किशनगंज में बड़ी जनसभा को संबोधित किया।ओवैसी ने अपनी सभा में पीएम मोदी से लेकर सीएम नीतीश कुमार की जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए जैसे काले कानून को लेकर हमारी लड़ाई मोदी सरकार से है। अपनी रैली में CAA और NRC पर निशाना साधते हूए बोले की यह एक काला कानून है , और इस कानून के खिलाफ हम लड़ेंगे। इस कानून के तहत हम देश मे किसी को भी फुट डालने नहीं देंगे । इस रैली में उन्होंने “संविधान बचाओ-देश बचाओ” नारा लगाया। उन्होंने अपने भाषण में एक एक हिन्दू और मुसलमान की कुर्बानियां याद दिलाते हुए बताया कि बिहार के लोग एक हैं, और इन नए तरह के कानूनों से सरकार लोगों में फुट डाल रही है। वह इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को मुसलमानों से क्या तकलीफ है? बाबा साहिब का कानून हर मजहब को मानने वालों का ही है।किसी एक जाति का नहीं है । यह हिंदुस्तान का संविधान है। सरकार इस बार इन कानून को लाकर यह बतानी चाहती है कि यह कानून भी संविधान का हिस्सा है। पर हम इस बात को बर्दाश्त कतई नहीं करेंगे। यह सिर्फ मुसलमानों का नहीं 130 करोड़ लोगों का मसला है।

बाकी पार्टियों का भी खौफ नहीं है मुझे

ओवैसी ने अपने भाषण के दौरान तेज़ आवाज़ में कह दिया कि उन्हें नीतीश, लालू, मोदी और राहुल से डर नहीं लगता है और हम डर की बुनियाद पर नहीं खड़े हुए है। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत असम में बंगला बोलने वालों को कैम्पों में रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कैसे तय करेगी कौन नागरिक है या कौन नहीं है। ऐसे मुद्दों पर हम कही पर भी बहस करने को तैयार है जिसमें हिम्मत हो आ जाये। वह मजहब के नाम पर देश को बर्बाद होने नहीं देंगे। उनका कहना है कि देश के पी.एम और यहां के सी.एम 17 करोड़ मुसलमानों से नफरत करते है। NRC जैसे कानून को लेकर बस देश की बर्बादी हो सकती है और कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आंखें बंद करके बैठे है इसलिए वह केरल की सरकार की तरफ से अपील करते हैं कि बिहार में यह कानून लागू न हो पाए।

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मेरठ के एस.पी और यू.पी के सी.एम के कार्य करने के तरीके को गलत ठहराया

उन्होंने कहा कि मुसलमान वर्दी की इज्जत कर रहा था इसलिए चुप था। पर हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा बढ़कर आप क्या दिखाना चाहते है इस देश की आज़ादी की जंग दोनों ने साथ मिलकर लड़ी थी कोइ मुस्लमान देश छोड़कर नहीं जाएगा। आदित्यनाथ पर सवाल फेंकते हुए कहा कि आप मुसलमानों की जमीन पर कब्जा नहीं कर सकते है। यह लड़ाई मुसलमानों की नहीं बल्कि देश को बचाने की है। अल्लाह इस जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेगा।

26 जनवरी तक ले लो अपना कानून वापस

उन्होंने केंद्र सरकार को कहा कि इस कानून को पूरी तरह से 26 जनवरी तक बर्खास्त कर दिया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आक्रोश पूरे देश मे फैल जाएगा और इसके ज़िम्मेदार केंद्र सरकार होगी। इस से पहले AIMIM से अख्तरुल ईमान ने कहा था कि मांझी के साथ आने से कांग्रेस और राजद के पेट में ऐंठन आ गयी है। इस आक्रोश से भरी रैली में आई.पी.एस अब्दुर्रहमान और किशनगंज विधायक कमरुल हौद की मजूदगी भी थी।